ग्राम पंचायत मड़वास में हुआ भारी भृष्टाचार, SDM ने नहीं दिया जांच प्रतिवेदन

ग्राम पंचायत मड़वास में हुआ भारी भृष्टाचार, SDM ने नहीं दिया जांच प्रतिवेदन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-23 08:22 GMT
ग्राम पंचायत मड़वास में हुआ भारी भृष्टाचार, SDM ने नहीं दिया जांच प्रतिवेदन

डिजिटल डेस्क, सीधी। ग्राम पंचायत मड़वास में पिछले दस वर्ष की अवधि में कराए गए कार्यों की जांच के लिए दल तो गठित किया गया, लेकिन प्रतिवेदन आज तक नहीं मिल पाया है। पंचायत में हुए भ्रष्टाचार का मामला हाईकोर्ट सहित ईओडब्ल्यू तक पहुंच चुका है, किंतु प्रतिवेदन इसके बाद भी नहीं आ पाया है। इस संबंध में कलेक्टर ने एसडीएम को शीघ्र जांच प्रतिवेदन देने निर्देशित किया है।

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय जबलपुर में ग्राम पंचायत मड़वास में वर्ष 2005 से 2015 की अवधि में कराए गए कार्यों की जांच के लिए जनहित याचिका लगाई गई थी जिस पर प्रतिवेदन मांगा गया, लेकिन आज तक प्रतिवेदन उपलब्ध नही हो पाया है। पंचायत में निर्माण कार्यों को लेकर हुए भ्रष्टाचार की शिकायत पर जिला प्रशासन द्वारा भी एसडीएम मझौली के नेतृत्व में  जांच दल का गठन किया था। किंतु जांच दल ने क्या किया इसका कोई रता-पता नही चल सका है। जांच प्रतिवेदन न मिल पाने के कारण मड़वास निवासी राजबहादुर सिंह के अवमानना याचिका क्रमांक 1110/2017 विरूद्ध मप्र शासन एवं अन्य के विरूद्ध लगाई गई है।

बताया गया है कि उक्त मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ रीवा में भी शिकायत की गई है। शिकायत बाद आर्थिक प्रकोष्ठ द्वारा जांच प्रतिवेदन एवं अभिलेख चाहे गए हैं, किंतु एसडीएम द्वारा जांच रिपोर्ट प्रेषित नही की गई है। ईओडब्ल्यू एवं उच्च न्यायालय जबलपुर से इस मामले की महत्वपूर्ण जांच को लंबित रखा गया है। इस संबंध में कलेक्टर ने अपने पत्र क्र. 7172 के तहत एसडीएम को तीन दिन के भीतर बिना विलंब एवं स्मरण पत्र की प्रतीक्षा के जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने निर्देशित किया है। जांच के दौरान शिकायतकर्ता व अनावेदक का पक्ष अनिवार्य रूप से सुने जाने को कहा गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि यदि अनियमितताएं सिद्ध पाई जाती हैं तो संबंधित दोषियों की पहचान कर अनियमितता हेतु उनका स्पष्ट उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनके नाम, पदनाम, वर्तमान पदस्थापना, सेवाश्रेणी की जानकारी के साथ आरोप पत्र आदि तैयार कर रिपोर्ट के साथ भेजें।

बता देें कि ग्राम पंचायत  मड़वास में निर्माण कार्यों के नाम पर काफी गोलमाल किया गया है जिसकी स्थानीय स्तर पर शिकायत बाद  कार्रवाई न होने के चलते ग्रामीणों ने हाईकोर्ट और ईओडब्ल्यू की शरण ली है। लेकिन प्रतिवेदन चाहे जाने पर भी जांच अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन नहीं दिया गया है। इस संबंध में कलेक्टर ने पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की है।

 

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