यूनिवर्सिटी की पहल: बंद हो चुका है पाठ्यक्रम, 12 विद्यार्थियों के लिए फिर शुरू

यूनिवर्सिटी की पहल: बंद हो चुका है पाठ्यक्रम, 12 विद्यार्थियों के लिए फिर शुरू

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-05 08:22 GMT
यूनिवर्सिटी की पहल: बंद हो चुका है पाठ्यक्रम, 12 विद्यार्थियों के लिए फिर शुरू

डिजिटल डेस्क,नागपुर। 12 विद्यार्थियों के भविष्य को बचाने के लिए राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने एक सकारात्मक पहल की है। एमएससी पाठ्यक्रम बंद कर चुके उमरेड के पुष्पक कॉलेज को विवि ने फिर से पाठ्यक्रम शुरू करके विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी कराने के आदेश दिए हैं। दरअसल शिक्षा हर विद्यार्थी का अधिकार है। आरटीई एक्ट में 6 से 14 वर्ष तक के विद्यार्थी के अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान ही, साथ ही विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के प्रति गंभीरता बरती जाती है।  इसी को मद्देनजर रखते हुए राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने एक कॉलेज में बंद हो चुके पाठ्यक्रम को फिर से शुरू करने के आदेश प्रबंधन को दिए हैं। पाठ्यकम बंद होने से परेशान विद्यार्थियों की शिकायत पर विवि ने यह आदेश जारी किया है। विद्यार्थियों की शिकायत पर किसी पाठ्यकम को शुरू करने का यह संभवत: पहला ही वाकया है।

दरअसल कॉलेज में बीएससी जैसे अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम पहले ही चल रहे हैं। कुछ समय पूर्व कॉलेज ने एमएससी पाठ्यक्रम शुरू किया था। लेकिन कॉलेज को एमएससी के लिए पर्याप्त विद्यार्थी नहीं मिल रहे थे। आखिरी बैच में करीब 10 से 12 विद्यार्थी ही थे। लिहाजा कॉलेज ने कोर्स चलाने में कोई खास रुचि नहीं दर्शाई। अंत: पाठ्यक्रम में एक भी नियमित शिक्षक नहीं बचा। नागपुर विश्वविद्यालय का नियम है कि यदि किसी पाठ्यकम में पढ़ाने के लिए कॉलेज ने नियमित शिक्षक नियुक्त नहीं किया है, तो उस पाठ्यक्रम को बंद कर दिया जाता है। कॉलेज ने इस नियम का लाभ लिया, शिक्षक नियुक्त नहीं होने से शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए उनका एमएससी पाठ्यक्रम बंद हो गया। लेकिन फिर कुछ ऐसे विद्यार्थी सामने आए जिन्होंने पाठ्यकम बंद करने का विरोध किया। उन्होंने विवि में लिखित शिकायत की कि उन्होंने कॉलेज से एमएससी प्रथम वर्ष की पढ़ाई पूरी की है। प्रथम वर्ष के बैकलॉग वाले विद्यार्थियों ने परीक्षा पास करके दूसरे वर्ष में प्रवेश की पात्रता प्राप्त कर ली। लेकिन यहां तो कॉलेज ने पाठ्यक्रम ही बंद कर दिया। नागपुर विवि की ग्रीवियंस कमेटी ने विद्यार्थियों और कॉलेज प्रबंधन की सुनवाई ली। अंतत: कॉलेज को पाठ्यक्रम शुरू करके सभी विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी कराने के आदेश दिए गए। पाठ्यक्रम में उन्हें एक माह के भीतर नियमित शिक्षक भी नियुक्त करने के आदेश दिए गए हैं।

विद्यार्थियों को मझधार में नहीं छोड़ सकते

कॉलेज में पहले ही बीएससी जैसे कोर्स अच्छे से चल रहे हैं। लेकिन कॉलेज प्रबंधन एमएससी पाठ्यकम चलाने में रुचि नहीं ले रहा था। उन्होंने लंबे समय तक नियमित शिक्षक भी नियुक्ति नहीं किया। अंतत: उनका पाठ्यकम बंद हो गया। लेकिन फिर विद्यार्थी हमारे पास आए और सारा मसला समझाया। हमने कॉलेज को शिक्षक नियुक्त करने का आदेश देकर पाठ्यक्रम फिर शुरू कराया है। अब ये विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। विद्यार्थियों की संख्या कम भी हो, तब भी कॉलेज की जिम्मेदारी होती है कि पाठ्यक्रम पूरा कराया जाए। विद्यार्थियों को बीच मझधार में छोड़ा नहीं जा सकता है।  - डॉ.विनायक देशपांडे, प्रभारी प्रकुलगुरु नागपुर विश्वविद्यालय
 

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