लड़की के साथ रेप और हत्या के मामले में तीन आरोपी दोषी करार

लड़की के साथ रेप और हत्या के मामले में तीन आरोपी दोषी करार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-19 09:51 GMT
लड़की के साथ रेप और हत्या के मामले में तीन आरोपी दोषी करार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट ने कोपर्डी गांव की 15 वर्षीय लड़की के साथ रेपऔर हत्या मामले में तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया। नाबालिग लड़की के साथ पिछले साल हुई इस घटना को लेकर पूरे महाराष्ट्र में जमकर विरोध प्रदर्शन हुए थे। मराठा नेताओं ने 33 बड़े आंदोलन करते हुए इन आरोपियों के खिलाफ कठोर से कठोर सजा की मांग की थी। इस मामले में तीनों दोषियों को 21 या 22 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी। अहमदनगर जिला न्यायाधीश सुवर्णा केवल ने शनिवार को तीनों आरोपियों जितेंद्र बाबूलाल शिंदे (25) , संतोष गोरख भवाल (30) और नितीन गोपीनाथ भैलुमे (26) को दोषी करार दिया। कोपर्डी मामले में कोर्ट के सामने 24 सबूत पेश किए गए और 31 गवाहों से जिरह हुई। इनमें मृत लड़की के पिता, बहन, चाचा, दादा सहेली, डॉक्टर, जांच अधिकारी की गवाही महत्वपूर्ण रही। मामले का फैसला जल्दी हो इसके लिए एडवोकेट उज्ज्वल निकम ने लगातार तीन दिन तक कोर्ट में बहस की। रविवार को छुट्टी के दिन भी कोर्ट की कार्यवाही चली। 


सीएम ने कहा पीड़िता को न्याय मिला

इसे लेकर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पीड़िता को न्याय मिला है। इससे दुष्कर्मियों को सबक मिलेगा। आशा आरोपियों को कड़ी सजा मिलेगी। आरोपियों ने कानून से बचने के लिए प्रयास किया, मामले को हल्का करने की भी कोशिश की गई। लेकिन पुलिस ने मजबूती के साथ सरकारी पक्ष कोर्ट में रखा। सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने भी आरोपियों के विरोध में ठोस भूमिका रखी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि कोपर्डी की घटना से महाराष्ट्र की छवि धूमिल हुई है। इस मामले में दोषी मुजरिमों को कड़ी से कड़ी सजा हो ताकि महाराष्ट्र में दोबारा ऐसी घटना न हो सके। NCP प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे के मुताबिक प्रकरण में दोषी पाए आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए। ताकि फिर ऐसी घटना राज्य में न हो। इस घटना ने महाराष्ट्र की संस्कृति पर कालिख पोत दी है।

क्या है मामला ?

कर्जत तहसील के कोपर्डी गावं में 13 जुलाई 2016 को तीन लोगों ने नाबालिग से रेपकर उसकी हत्या कर दी थी। पीड़िता मराठा समुदाय से थी। तीनों दोषियों ने पीड़िता की हत्या करने से पहले उसको बुरी तरह पीटा था। पीड़िता के शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान पाए गए थे। कोपर्डी के निर्भया कांड के नाम से राज्यभर में मोर्चे निकाले गए और अपराधियों को सजा-ए-मौत देने की मांग की गई। घटना की गंभीरता को देखते सरकार ने इस मामले में वरिष्ठ सरकारी वकील एडवोकेट उज्जवल निकम को मामले की पैरवी के लिए नियुक्त किया।

पीड़ित परिवार का दर्द

पीड़िता की मां ने कहा कि एडवोकेट उज्जवल निकम की बदलौत अपराधियों को सजा मिलने जा रही है। न्यायप्रणाली पर हमारा पूरा विश्वास है। बस अब भगवान से यही प्रार्थना है कि कोर्ट इन पापियों को फांसी की सजा दे।

चुनौती भरा था केस

सरकारी वकील उज्जवल निकम के मुताबिक कोपर्डी मामले में एक भी ऐसा गवाह नहीं था, जिसने यह हादसा प्रत्यक्ष देखा हो। इसलिए प्राप्त सबूत बेहद महत्वपूर्ण थे। पीड़िता का खून और अपराधियों के कपड़ों पर लगे खून की जांच करने पर जितेंद्र शिंदे के कपड़े पर लगा खून मिलना काफी महत्वपूर्ण था। आरोपियों ने 2 दिन पहले पीड़ित लड़की के साथ छेड़खानी की थी। और उसे शर्मसार करने की चेतावनी भी दी थी। इस घटना के गवाह थे। जिससे यह साबित हो पाया कि इस घटना की साजिश पहले ही रची गई थी। कोर्ट ने आरोपियों को 7 धाराओं के तहत दोषी करार दिया है। जिससे उन्हें उम्र कैद या फांसी की सजा हो सकती है।

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