दमोह उपचुनाव -कांग्रेस से टंडन को टिकट, भाजपा से राहुल का नाम 

दमोह उपचुनाव -कांग्रेस से टंडन को टिकट, भाजपा से राहुल का नाम 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-23 08:36 GMT
दमोह उपचुनाव -कांग्रेस से टंडन को टिकट, भाजपा से राहुल का नाम 

तीन चुनाव हार चुके अजय के साथ दल-बदल को लेकर नाराजगी झेल रहे राहुल पर रहेगा प्रतिष्ठा बचाने का दबाव
डिजिटल डेस्क दमोह ।
दमोह विस उपचुनाव के लिए भाजपा के संभावित राहुल सिंह के सामने कांग्रेस से अजय टंडन होंगे। एआईसीसी ने 17 अप्रैल को होने जा रहे उपचुनाव के लिए कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय टंडन के नाम पर मोहर लगा दी है। उधर भाजपा की ओर से अभी अधिकृत सूची तो जारी नहीं हुई है कांग्रेस से पाला बदलकर आए राहुल सिंह का नाम लगभग फाइनल है। 27 फरवरी को किसान सम्मान निधि कार्यक्रम में शिरकत करने आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दमोह की जनता को बता गए थे कि राहुल सिंह प्रत्याशी होंगे। उपचुनाव के लिए शिवसेना ने राज पाठक, आप ने अभिनव गौतम और भारतीय जनशक्ति चेतना पार्टी ने उर्मिला सिंह लोधी को प्रत्याशी बनाया है। 
कांग्रेस ने लोधी व युवा कार्ड न खेलते हुए पुराने चेहरे पर लगाया दांव 
तीसरी बार उपचुनाव के दौर से गुजर रही दमोह विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। यदि कोई बड़ा राजनीतिक उलट-फेर नहीं हुआ तो 2021 के उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा के (लगभग तय) राहुल सिंह और कांग्रेस के उन अजय टंडन के बीच होगा जिनके चुनाव संचालन में राहुल 2018 में कांग्रेस की टिकट पर दमोह सीट से चुनाव जीते थे। हालाकि शिवसेना, आप तथा बीजेसीपी के प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में होंगे लेकिन हरेक की नजर भाजपा-कांगेस के इन्हीं 2 प्रत्याशियों पर होगी। ऐसा इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस की टिकट पर अब तक 3 बार पराजय का स्वाद चख चुके अजय टंडन के साथ दल-बदल को लेकर नाराजगी झेल रहे राहुल सिंह पर अपनी प्रतिष्ठा बचाने का भारी दबाव रहेगा। चूंकि दोनों पर दबाव ज्यादा रहेगा लिहाजा दोनों ही जीत हासिल करने एड़ी-चोटी का जोर भी लगाएंगे।कांग्रेस ने चौंकाया- भाजपा की ओर से राहुल के प्रत्याशी होने की बात मुख्यमंत्री 27 फरवरी को ही कह चुके हैं। माना जा रहा था कि युवा कार्ड के सहारे 2018 का चुनाव जीतने वाली कांग्रेस फिर ऐसा ही कोई कार्ड खेलेगी। चूंकि भाजपा प्रत्याशी लोधी वर्ग से आते हैं लिहाजा कांग्रेस द्वारा भी वोट काटने लोधी कार्ड खेले जाने की उम्मीद थी। कई नाम पैनल में पहुंचे भी लेकिन कांग्रेस ने न तो लोधी और न ही युवा कार्ड खेला। उसने युवा राहुल के सामने अपने पुराने व अनुभवी चेहरे अजय टंडन पर दांव लगाना तय किया। भाजपा का सब कुछ नाराजगी पर निर्भर- प्रत्याशी की घोषणा के साथ यह भी साफ हो गया है कि कांग्रेस ने प्रत्याशी फाइनल करते समय नाराजगी के मुद्दे को सबसे ऊपर रखा। महज डेढ़ साल में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाने से दमोह की जनता में राहुल को लेकर अभी भी थोड़ी-बहुत नाराजगी है। और ऐसी ही आंतरिक नाराजगी भाजपा में राहुल का नाम खुले तौर पर सामने आने के बाद से है। कांग्रेस को इसी नाराजगी और अपने परंपरागत वोट बैंक के अंदर जीत की सारी संभावनाएं दिखीं। 17 अप्रैल को होने वाले मतदान में यह फैक्टर अहम भूमिका निभा सकता है।
बीजेपी की हर गतिविधि पर नजर
नाराजगी वाले मुद्दे को भाजपा भी नजरअंदाज नहीं कर रही है और सीएम सहित प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। भाजपा से प्रत्याशी के रूप में राहुल का नाम सामने आने के पहले से ही च्आशीर्वाद यात्राज् शुरू कर चुके पार्टी के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ की यात्रा अब भी जारी है। कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने के साथ बनने-बिगडऩे वाले समींकरणों पर भी भाजपा बारीकी से नजर रखे है। रणनीतिक कदम उठाते हुए उसने उपचुनाव प्रभारी भूपेंद्र सिंह के साथ गोपाल भार्गव को चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिया है। सागर और जलबपुर के संगठन प्रभारियों को भी आगे कर दिया है। शिवराज सिंह और वीडी शर्मा भी दमोह को लेकर रोज अपडेट ले रहे हैं
 

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