दमोह -अतिक्रमण हटाने गए अमले को लोगों ने लाठी-डंडा लेकर दौड़ाया

दमोह -अतिक्रमण हटाने गए अमले को लोगों ने लाठी-डंडा लेकर दौड़ाया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-13 09:07 GMT
दमोह -अतिक्रमण हटाने गए अमले को लोगों ने लाठी-डंडा लेकर दौड़ाया

 ड्राइवर से मारपीट, लाठी चार्ज
डिजिटल डेस्क दमोह ।
पॉलीटेक्निक कॉलेज के पास परसुराम टेकरी के नीचे वन भूमि से अतिक्रमण हटाने गए अमले को वहां रह रहे लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा।   कब्जा हटाने पहुंचे वन, राजस्व तथा पुलिस महकमे के अमले को वहां रह रहे लोगों ने लाठी-डंडा लेकर दौड़ाया। तीखी-झड़प के साथ हाथापाई भी हुई, जिसमें दो लोग घायल हुए। हालात को नियंत्रित करने पुलिस को बल प्रयोग करते हुए लाठी चार्ज भी करना पड़ा। करीब डेढ़ घंटे के बवाल के बाद अमला बिना अतिक्रमण हटाये वापस लौट आया। घटना सोमवार दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब की है जबकि जबलपुर नाका पुलिस चौकी क्षेत्रांतर्गत संयुक्त अमला वन भूमि से कब्जा हटाने पहुंचा। अमले के पहुंचते ही वहां रह रहे कुचबंदिया समुदाय के लोग जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, कार्रवाई का विरोध करने लाठी-डंडा लेकर घर से निकल पड़े। अमले ने उन्हें समझाने की कोशिश करते हुए अतिक्रमण हटाने के प्रयास किए, इस पर बात झड़प और मारपीट तक पहुंच गई। विरोध कर रहे लोगों ने फॉरेस्ट के ड्राइवर गोविंद पटेल तथा साथ गए मजदूरों में से एक चेन अहिरवार के साथ मारपीट कर दी। इस पर पुलिस ने लाठी चार्ज करते हुए सबको तितर-बितर किया। दमोह के रेंजर महिपाल सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि विरोध व मारपीट की घटना के बावजूद अतिक्रमण हटाया गया है।
मकान बनाने के लिए पहले पैसे लिए अब बेघर कर रहे
बात ज्यादा आगे बढ़ती देख अमला वापस लौट आया। पुलिस लाठी चार्ज से आक्रोशित महिलाएं व पुरूष अपने बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट जा पहुंचे। वे कलेक्टर से मिलना चाहते थे लेकिन जब उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया तो महिलाएं मुख्य गेट के सामने बैठकर प्रदर्शन करने लगीं। महिलाओं का आरोप था कि वन विभाग के कर्मचारियों ने मकान बनाने के नाम पर उनसे रुपए लिए और अब बेघर करने आ गए। मना करने पर महिलाओं के साथ मारपीट की। इनसे चर्चा को पहुंचे एडीएम नाथूराम गौंड़ ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया। कुचबंदिया समाज के लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा। 

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