भीषण जल संकट, बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग, जांच करने आएगी केंद्रीय टीम

भीषण जल संकट, बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग, जांच करने आएगी केंद्रीय टीम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-20 08:04 GMT
भीषण जल संकट, बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग, जांच करने आएगी केंद्रीय टीम

डिजिटल डेस्क छतरपुर । जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त भीषण जल संकट की आवाज दिल्ली तक पहुंच गई है। जिस गति से जिले का भू जल स्तर नीचे खिसक रहा है। और लोग बूंद- बूंद पानी के लिए तरस रहे है। ऐसे में आने वाले दिनों में पीने के पानी के लिए विकराल समस्या खड़ी हो जाएगी। जिले में व्याप्त जल संकट की वास्तविक स्थिती का पता लगाने और बंद हो रहे जल स्रोतो की जमीनी हकीकत को जानने के लिए केंद्रीय भू जल बोर्ड दिल्ली की एक टीम एक दो दिन के अंदर छतरपुर आ रही है। माना जा रहा है, कि केंद्रीय टीम न केवल जल बंद हो रहे जल स्रोतों की हकीकत को देखेगी बल्कि जल संकट से जिले को कैसे उबारा जा सकता है, इस बारे में भी सुझाव देगी।
17 गांव में सूख गए सभी जल स्रोत
पिछले दो तीन वर्षो से बरसात कम होने से जिले का जल स्तर वैसे भी कम हो गया है। जल स्तर कम होने से जिले के करीब 17 गांव सब से अधिक प्रभावित बताए जा रहे है। इन 17 गांवों में हैंड़ पंप, कुएं, बोरिंग सहित अन्य जल स्रोत पूरी तरह से सूख चुके है। गांव के जल स्रोत सूखने की वजह से इन गांवों के लोग बूंद- बूंद पानी के लिए तरस रहे है। जल स्रोत सूखने की वजह से पीएचई विभाग के अधिकारी भी कुछ खास नहीं कर पा रहे है। हालांकि इन गांवों में एक दो हैंड़ पंप अभी चल रहे है जिनसे गांव के लोगों की प्यास बुझ रही है।
सर्वे करेगी टीम
दिल्ली से आने वाली भू जल बोर्ड की टीम जिले के इन्हीं गांवों में  जाएगी और टीम के लोग गांव के बंद जल स्रोतों का सर्वे कर इस बात का पता लगाने का प्रयास करेंगे की जल स्रोत बंद होने के पीछे मुख्य वजह क्या है, और बंद जल स्रोतों को फिर से कैसे जीवित किया जा सकता है। टीम के आगमन को लेकर पीएचई विभाग द्वारा तैयारिया की जा रही है। पीएचई विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि केंद्रीय भू जल बोर्ड की टीम जल स्रोतों को जीवित करने के लिए जो सुझाव देगी उस सुझाव पर काम किया जाएगा।
सैकड़ों हैंड पंप खराब
जिले में पानी के संकट को दूर करने के लिए पीएचई विभाग द्वारा गांव- गांव में 10 हजार 76 हैंड पंप करवाएं गए है। इन हैंड पंपों में से 115 हैंड पंप बंद पड़े हुए है। वहीं 317 हैंड पंपों में पानी नहीं बचा है। जिन हैंड पंपों में पानी नहीं बचा है, जिन हैंड पंपों में पानी नहीं बचा है, उन हैंड पंपों की जांच भी केंद्रीय टीम से कराने का काम पीएचई विभाग के अधिकारी सोच रहे है। विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि जो हैंड पंप पानी की जगह हवा उगल रहे है वे हैंड पंप जनवरी फरवरी माह से ही बंद हो जाते है।
54 नलजल योजनाएं बंद
छतरपुर जिले मं कुल 347 नल जल योजनाएं है। इन नल जल योजनाओं में से 54 योजनाएं बंद पड़ी हुई है। बंद पड़ी योजनाओं को अगर चालू करवा दिया जाए तो बहुत हद तक पीने के पानी की समस्या का निकराकरण इन गांवों में हो जाएगा। बताया जा रहा है, कि बंद पड़ी नल जल योजनाओं में से 30 ऐसी योजनाएं है जो पानी न होने से बंद हो गई है। पानी के आभाव में बंद हुई योजनाओं को शुरु करने के लिए विभाग द्वारा जल स्रोतों में पाइप लाइन भी बढ़ाई गई लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
इनका कहना है
व्केंद्रीय भू जल बोर्ड की टीम छतरपुर सर्वे के लिए आने वाली है। टीम जिले के उन गांवों का दौरा करेगी जहा पर पानी के स्रोत बंद हो चुके है। पानी कें बदं स्रोतों की जांच करने के बाद यह पता लगाया जाएगा की बंद जल स्रोत फिर से शुरु हो सकते है या नहीं। हमारी कोशिश है, कि गांव के लोगों को पानी की समस्या न होने पाए।
एसके जैन ,कार्यपाल यंत्री पीएचई

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