कोरोना से होने वाली मौतों की वजह से  कई गुना बढ़ी जलाऊ लकड़ी की खपत, वन विभाग ने जारी किया अलर्ट

कोरोना से होने वाली मौतों की वजह से  कई गुना बढ़ी जलाऊ लकड़ी की खपत, वन विभाग ने जारी किया अलर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-03 13:13 GMT
कोरोना से होने वाली मौतों की वजह से  कई गुना बढ़ी जलाऊ लकड़ी की खपत, वन विभाग ने जारी किया अलर्ट

इंजेक्शन-बेड के बाद जलाऊ लकड़ी की डिमांड बढ़ी मंडला डिंडौरी से बुलाई गईं सैकड़ों टन लकडिय़ाँ
डिजिटल डेस्क जबलपुर
। कोरोना महामारी ने हर तरफ हाहाकार मचा रखा है। इसकी वजह से अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, जरूरी दवाओं और इंजेक्शन की कमी पिछले एक महीने से जारी है। लेकिन अब मौतों का ग्राफ जिस तेजी से बढ़ा है, उसके कारण जलाऊ लकड़ी की डिमांड भी बढ़ गई है। इसी के चलते वन विभाग अलर्ट मोड पर है, और लोगों के अंतिम संस्कार में लकडिय़ों की कमी न हो इसके लिए मंडला डिंडौरी के जंगलों से सैकड़ों टन जलाऊ लकडिय़ाँ बुलवाकर  जबलपुर के उपडिपो में संग्रहण किया गया है। वन विभाग के सूत्रों की मानें तो आम िदनों की तुलना में अंतिम संस्कार के लिए वर्तमान में जलाऊ लकडिय़ों की खपत कई गुना बढ़ गई है। इसी वजह से वन विभाग के अफसरों ने वन नाकों में लकडिय़ों के वाहनों पर सिर्फ औपचारिक चैकिंग के निर्देश िदए हैं। विदित है कि जबलपुर वन विभाग व्यावसायिक उपयोग के साथ जलाऊ और अन्य कार्यों में उपयोग होने वाली लकडिय़ों की पूर्ती के लिए मंडला, डिंडौरी जैसे बड़े डिपोमें जंगलों से एकत्रित होने वाली लकडिय़ों को एकत्रित करके सालाना निविदा के जरिए विक्रय करता है। जबलपुर जिले की  सिहोरा, कुंडम, पाटन, शहपुरा, पनागर और बरगी जैसे उपडिपो के जरिए इनका बंटवारा किया जाता है। लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद लकड़ी के विक्रय पर रोक लगा दी गई थी। अक्टूबर 2020 के बाद हालात सामान्य होने पर ये कार्य दोबारा शुरू हुआ था, लेकिन इस वर्ष एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद लकडिय़ों के विक्रय पर रोक लगी हुई है।  अब लगातार हो रही मौतों को देखते हुए वन विभाग ने जलाऊ लकडिय़ों को आवश्यक वस्तुओं में शामिल करके इनके परिवहन और विक्रय पर नए नियमों के तहत काम शुरू कर दिया है। 
इनका कहना है
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पूर्व में ही मंडला-डिंडौरी के बड़े िडपो से जबलपुर वन मंडल की सभी रेंजों में मौजूद उप डिपो में पर्याप्त मात्रा में जलाऊ लकडिय़ों का संग्रहण कर लिया गया है। 
महेन्द्र खरे, एसडीओ वन विभाग

Tags:    

Similar News