नेशनल हाईवे पर तेंदुए की मौत , अज्ञात वाहन की चपेट में आने से हादसा

नेशनल हाईवे पर तेंदुए की मौत , अज्ञात वाहन की चपेट में आने से हादसा

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-24 08:59 GMT
नेशनल हाईवे पर तेंदुए की मौत , अज्ञात वाहन की चपेट में आने से हादसा

 डिजिटल डेस्क, नागपुर। सड़कों पर वन्यजीवों की हो रही मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नेशनल हाईवे क्रमांक 44 पर शुक्रवार की सुबह एक मादा तेंदुए का शव पाया गया। किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से उसकी मौत होने की आशंका है। वन विभाग ने शव का पंचनामा कर अंतिम विधि की है।

आंकड़ों को देखें तो प्रतिवर्ष वन्यजीवों का घर यानी जंगल क्षेत्र कम होते जा रहा है जबकि वन्यजीवों की संख्या बढ़ती जा रही है। विकास के नाम पर जंगलों मेें बनाई जा रही सड़कों की वजह से  भी उनके भ्रमण में बाधा पहुंच रही है। ऐसे में कई बार पानी या भोजन की तलाश में वन्यजीव  सड़कों तक पहुंच जाते हैं। सुबह के वक्त यदि ऐसा होता है, तो वाहनधारक रूककर इन्हें देखने का लुत्फ भी उठाते हैं।  कई बार वन्यजीव सुरक्षित तौर पर सड़क पार कर लेते हैं लेकिन रात के वक्त तेज रफ्तार वाहनों के सामने आनेवाले वन्यजीव टक्कर से बच नहीं पाते हैं। गत 3 साल में राज्य में सड़क हादसों से होनेवाले वन्यजीवों की मौत देखने पर इसमें हिरण से लेकर तेंदुए व बाघ तक शामिल हैं।   

मरनेवाले वन्यजीवों में अधिकांशत: तेंदुए की संख्या ही शामिल है। उपरोक्त हादसे में भी एक मादा तेंदुए की सड़क हादसे में मौत का मामला सामने आया है। पवनी वन परिक्षेत्र अंतर्गत नेशनल हाईवे क्रमांक 44 पर हरकुंड नाले के पास सुबह कुछ वाहनधारकों को सड़क से थोड़ी दूरी पर एक तेंदुआ मृत अवस्था में दिखाई दिया। जिसके बाद उसे देखनेवालों की यहां भीड़ जमा हो गई । कुछ लोगों ने यहां के स्थानीय पुलिस स्टेशन को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस व वन विभाग ने घटनास्थल पर पहुंच शव का पंचनामा किया। रात के अंधेरे में सड़क पार करते वक्त तेंदुए की मौत की आशंका व्यक्त की जा रही है। हालांकि मादा तेंदुआ होने से इसके शावक आस-पास होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में वन विभाग की ओर से इस पर भी नजर रखी जा रही है।
 
नहीं बन पा रहे जंगल को जोड़नेवाले पुल 
एनएचआई अंतर्गत आनेवाले कई हाईवे जंगल इलाकों से होकर गुजरते हैं। जिससे एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए वन्यजीवों को सड़क पार करना पड़ता है। जिससे वे हादसे के शिकार होते हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए कुछ समय पहले तक जहां ज्यादा जंगली इलाका है, ऐसी जगहों पर नेशनल हायवे के उपर से वन्यजीवों के लिए पुल के निर्माण का विचार किया गया था। जिससे वन्यजीव का हाईवे से सीधा संपर्क नहीं आयेगा, और इस तरह के हादसों को कम किया जा सकेगा। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई हलचल नहीं है। 

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