हिन्दी ही नहीं मराठी फिल्मों के डायरेक्टर्स को भी खासे पसंद आ रहे है संतरानगरी के स्पॉट

हिन्दी ही नहीं मराठी फिल्मों के डायरेक्टर्स को भी खासे पसंद आ रहे है संतरानगरी के स्पॉट

Tejinder Singh
Update: 2019-06-26 11:53 GMT
हिन्दी ही नहीं मराठी फिल्मों के डायरेक्टर्स को भी खासे पसंद आ रहे है संतरानगरी के स्पॉट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉलीवुड में फिल्मों की शूटिंग स्पॉट को लेकर एक परंपरा चलती है। आमतौर पर एक दौर में एक ही तरह के स्पॉट खूब दिखाई देते हैं। शुरुआती दिनों से ही भारी मात्रा में फिल्मों की शूटिंग मुंबई के तमाम स्टूडियो में हुआ करती है। लेकिन मुंबई को फिल्म की शूटिंग के लिए कभी बहुत मुफीद नहीं माना गया। मायानगरी के डायरेक्टर्स को इन दिनों उपराजधानी के स्पॉट काफी भा रहे हैं। शहर में कुछ समय पहले ही नागराज मंजुले निर्देशित झुंड की शूटिंग हुई। इसके साथ ही कई मराठी फिल्म की शूटिंग भी शहर में चल रही है। शहर के आसपास के शूटिंग स्पॉट रामटेक, कामठी, पांजरा, जरीपटका के साथ ही वर्धा, अमरावती आदि में भी फिल्मों की शूटिंग की जा रही है। पिछले 10 वर्षों से शहर में फिल्म सिटी बनने की बात भी कही जा रही है। फिल्मों की शूटिंग के संदर्भ में शहर के निर्देशकों और कलाकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कुछ बातें सामने रखीं।

निर्माताओं को भा रही लोकेशन

कलाकार राजेश चिटणिस के मुताबिक बॉलीवुड के निर्माता-निर्देशकों नई लोकेशन ढूंढ़ रहे हैं। प्रयोग के इस दौर में निर्माता-निर्देशकों को वह जगह फब रही हैं, जिन्हें लोग पहले से न जानते हों। जिनमें नागपुर भी शामिल है। शहर से सटी  छोटी-छोटी जगहों पर फिल्मों की शूटिंग की जा रही है। आजकल बड़े सितारों को लेकर सार्वजनिक स्थानों पर शूटिंग कर पाना काफी मुश्किल हो गया है। सुरक्षा की दृष्टि से यह ठीक नहीं है। 

कई मराठी फिल्मों की शूटिंग भी

निर्देशक सुबोध नागदेवे का कहना है कि हाल ही में कुछ दिन पहले शहर में नागराज मंजुले निर्देशित झुंड की शूटिंग हुई थी। झुंड की शूटिंग रामटेक, पांजरा के साथ ही शहर के मुख्य स्थानों पर हुई। इसके साथ ही ही रेला रे, डेंजर नाइट, ग्राम परेशानपुर, फैमिली 420, रंगीले, तानी, भला माणुस, बाबू बैंड बाजा की शूटिंग भी शहर में हुई। इसके साथ ही बंगाली फिल्म सौभ्य की शूटिंग भी शहर में हुई थी। अमिताभ बच्चन की परवाना फिल्म की शूटिंग भी नागपुर में हुई थी। 
  
फिल्म सिटी बनाना चाहिए

निर्माता अनिल साहने ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से यहां फिल्म सिटी बनने की बात कही जा रही है। लेकिन अभी तक इस पर कोई काम नहीं हुआ। कई बार मीडिया में यह मुद्दा उठने से शहर में फिल्मों की शूटिंग शुरू हुई। फिल्म सिटी की न्यूज लीक होने के बाद कई निर्माताओं ने फिल्म की शूटिंग शहर में करना शुरू किया है। शहर में फिल्म सिटी बनने का काम जल्द शुरू किया जाना चाहिए। शहर में कई प्रतिभाएं हैं जिन्हें आगे आने का मौका मिलेगा। 

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