डीएमईआर सख्त, रूरल सर्विस पूरा नहीं करने वाले डॉक्टरों को नोटिस

डीएमईआर सख्त, रूरल सर्विस पूरा नहीं करने वाले डॉक्टरों को नोटिस

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-23 08:25 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (डीएमईआर) रूरल सर्विस की शर्त पूरी नहीं करने वाले डॉक्टरों पर नकेल कसने की तैयारी में है। डीएमईआर ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों को 2005-2010 और 2005-2012 के ऐसे छात्रों की लिस्ट तैयार करने और उन्हें नोटिस भेजने का निर्देश दिया है, जिन्होंने अब तक रूरल सर्विस संबंधी शर्त पूरी नहीं की है। डीएमईआर के डॉ. तात्याराव लहाने ने कहा कि अगर कोई यह शर्त पूरी करने को तैयार नहीं है, तो जिलाधिकारी को संपत्ति अटैच कर ब्याज सहित जुर्माना वसूलने का निर्देश जारी करने के लिए कहा जाएगा। जरूरत पड़ने पर महाराष्ट्र मेडिकल कौंसिल को ऐसे लाेगों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए भी कहा जा सकता है।

एक छात्र पर 22 लाख खर्च
डॉ. लहाने के अनुसार सरकार प्रत्येक मेडिकल छात्र की पढ़ाई पर करीब 22 लाख रुपए खर्च करती है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए एमबीबीएस और एमडी करने वालों के लिए एक वर्ष की रूरल सेवा जरूरी की गई है। 

आरक्षण का लाभ लेने वाले दायरे में
उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस और एमडी करने वालों को दो बॉन्ड भरना पड़ता है, जिसके अनुसार डिग्री के बाद उन्हें एक वर्ष तक ग्रामीण इलाके में सेवा देनी होती है और पांच वर्ष तक विदेश नहीं जा सकते हैं। निजी मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण का लाभ लेने वाले छात्र-छात्राएं इसके दायरे में आते हैं। 

1318 को भेजा नोटिस
पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज ने वर्ष 2005-2010 और 2005-2012 के 1318 डॉक्टरों को रूरल सर्विस पूरा नहीं करने के लिए नोटिस भेजा है। इनमें 801 यूजी और 517 पीजी कोर्स से संबंधित हैं। नागपुर के सभी मेडिकल कॉलेजों को इस संबंध में पत्र भेज दिया गया है। शर्त पूरी नहीं करने वालों की सूची बनाकर उन्हें नोटिस भेजने के लिए तीन माह का समय दिया गया है। नोटिस के बावजूद रूरल सर्विस के लिए तैयार नहीं होने वालों पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. तात्याराव लहाने, डीएमईआर

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