KBC : हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के सवालों का जबाव देंगे आमटे दंपति

KBC : हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के सवालों का जबाव देंगे आमटे दंपति

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-07 08:19 GMT
KBC : हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के सवालों का जबाव देंगे आमटे दंपति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। छोटे पर्दे का लोकप्रिय शो कौन बनेगा करोड़पति में 7 सितंबर को विदर्भ के आमटे दंपति अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर उनके सवालों का जबाव देंगे। इस प्रोग्राम का प्रसारण रात 9 बजे होगा। डॉ. प्रकाश आमटे दंपति व डॉ.मंदाकिनी आमटे ने कई बातें साझा की। आदिवासियों के प्रति उनके लगाव पर पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि बचपन में, हम कभी नहीं जानते थे कि कैसे एक आदिवासी समुदाय रहता है। उनके जीवन के बारे में कुछ भी पता नहीं था, लेकिन जब मेरे पिता ( बाबा आमटे) हमें जंगल में पिकनिक मनाने ले गए वहां पर हमने उन्हें देखा और महसूस किया कि वे कैसे जीते हैं। यह मेरे पिता का ही सपना था, जिसे हमने आगे बढ़ाया और चूंकि मैं और मेरी पत्नी मंदाकिनी आमटे डॉक्टर थे, हमने एक पेड़ के नीचे एक अस्पताल खोला और उन्हें बेहतर जीवन जीने में मदद की। ये कहना है डॉ प्रकाश आमटे का। वे कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद इंटरव्यू में बोल रहे थे।  

ज्ञान को बढ़ावा देने वाला मंच
KBC के माध्यम से, एक मंच जो ज्ञान को बढ़ावा देता है, मैं दुनिया को यह सन्देश देना चाहता हूँ कि कई ऐसे तरीके हैं, जिनके माध्यम से हकीकत से वास्ता किया जा सकता है। दुनिया बहुत बड़ी है और अभी तक कई चीजों का पता ही लगाया जा रहा है। मैं हमेशा अपने बच्चों और युवा पीढ़ी को बताता हूं कि उन्हें बाहरी दुनिया में कदम उठाने और अपने करियर बनाने से पहले  ऐसे स्थानों पर जाना चाहिए। कोई नहीं जानता कि प्रेरणा कहां से मिलती है। वे इनमें से किसी भी क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े कलाकार अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर बैठना शानदार और अद्भुत अनुभव था। वह हमेशा ही एक ऐसे व्यक्तित्व रहे हैं, जिनसे लोग मिलना चाहते हैं और मैं भी उनसे मिलने की उम्मीद कर रहा था।

घटना जिसने झकझोरा
आदिवासियों के बारे में उन्होंने कहा कि शुरू में उन लोगों के पास पहनने के लिए कपड़े या खाना नहीं था और वे अक्सर जानवरों को मारकर अपनी भूख मिटाते थे। जिस दिन हमने आदिवासी को मरी हुई बंदरिया और उसके पास बिलखते हुए उसके बच्चे को देखा तो हमें शॉक लगा। जब हमने उनसे बंदर को छोड़ने का अनुरोध किया, तो उन्होंने कहा कि अगर वे बंदर छोड़ देते हैं, तो उनके बच्चों के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं होगा। यही वह क्षण था जिसने अनाथालय शुरू करने में मेरी मदद की।

हमने उनसे कहा कि वे जानवर हमें दें और उसके बदले में हम उन्हें चावल और कपड़ा देंगे, इससे उनका और उनके परिवार का बेहतर भविष्य सुनिश्चित हुआ। इसलिए हमने जानवरों को बचाने के लिए एक अनाथालय खोला। आमटे ने कहा कि मुझे जानवरों से प्यार है और वे हमारे लिए एक परिवार की तरह हैं। इसके अलावा, मैं उन्हें कैद करके रखना पसंद नहीं करता, इसलिए यह अनाथाश्रम उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थान था। यह आमटे के लिए एक विस्तारित परिवार है।

आदिवासी समुदाय के लिए समर्पित है जीवन हमारा
डॉ प्रकाश आमटे ने कहा कि जब हमने उस स्थिति को देखा जिसमें आदिवासी समुदाय जी रहा था, हमें एक लक्ष्य मिला और उन्हें समर्थन देने का फैसला किया। हमने उनके लिए एक अस्पताल खोला जहां  उनका इलाज करने का फैसला किया। शुरुआत में हमारे लिए यह बेहद चुनौतीपूर्ण था। जब भी वे बीमार पड़ते थे, वे अक्सर गांव में एक व्यक्ति के पास जाते थे जो उन्हें ठीक करने के लिए तंत्र मन्त्र का इस्तेमाल करता था और जो वह कहता था वही ब्रह्म वाक्य था।

जब हमने अस्पताल खोला, तो उनका भरोसा हासिल करना मुश्किल था, लेकिन आखिरकार, कदम-दर-कदम, विश्वास बढ़ गया। दवाइयों के साथ उन्हें भोजन भी करना था। हमें इस चुनौती का अहसास था। हमनें उन्हें खेती और कृषि सिखाई और उन्हें उनके अधिकारों के लिए शिक्षित करने के लिए एक स्कूल शुरू किया। डॉ प्रकाश अम्टे ने बताया कि उनके  पिता, बाबा आमटे एक प्रेरणादायक व्यक्ति रहे हैं और उन्होंने हमेशा जो कुछ भी हमें सिखाया है हमने उसका पालन किया है। यह हम पर ही रहा कि आखिर हम कैसे अपने जीवन में आगे बढऩा चाहते हैं और हमने महसूस किया कि हम आदिवासी समुदाय के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं। 

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