गर्मी से बेहाल होकर बसों की छत पर सोते हैं एसटी के ड्राइवर,कंडक्टर

गर्मी से बेहाल होकर बसों की छत पर सोते हैं एसटी के ड्राइवर,कंडक्टर

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-25 13:30 GMT
गर्मी से बेहाल होकर बसों की छत पर सोते हैं एसटी के ड्राइवर,कंडक्टर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्यमार्ग परिवहन महामंडल की बस के कई ड्राइवर, कंडक्टर अधूरी सुविधा के कारण बस की छत पर सोने के लिए मजबूर हैं। जिससे कभी-भी अनहोनी की आशंका बन रही है। संबंधित प्रशासन के कंधे पर इनके लिए पर्याप्त व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी है। बावजूद अभी तक कई गांव में व्यवस्था नहीं हो सकी है। हाल ही में राजुराबुरी गांव में एक ड्राइवर की बस के छत से नीचे गिरने से मौत हो गई थी। सूत्रों की मानें तो वह बस के ऊपर सोने के लिए ही जा रहा था। इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसलिए ग्रामीण इलाकों में बस ड्राइवर व कंडक्टर के रहने की पर्याप्त व्यवस्था होना जरूरी है।

रेलवे गाड़ियों के साथ राज्य मार्ग परिवहन महामंडल की बसें यात्रियों के लिए मुख्य आवागमन का साधन है।  एक शहर से दूसरे  शहर के लिए यह बसें यात्रियों को ऐसे छोटे-छोटे गांव  पहुंचाते  हुए जाती है  जहां निजी वाहनों से जाना तक मुश्किल रहता है। लेकिन इन गांव तक बसों को लेकर जानेवाले चालक व वाहकों को रात मे परेशान होना पड़ता है। दरअसल आखरी बस रात 10 के बाद पहुंचने के बाद सुबह गांव से बस चलानी होती है। ऐसे में आखरी बस लेकर जानेवाले ड्राइवर व कंडक्टर को नागपुर विभाग अंतर्गत रीदोरा, गोटनगांव, राजुराबुरी, वग, चारगांव, शिर्सी आदि छोटे –छोटे गांव में रात गुजारनी होती है। लेकिन  यहां किसी तरह की कोई मदद नहीं मिलने से इन्हें बसों में ही सोना पड़ता है।

रात के वक्त बना रहता है खतरा
बारिश व ठंड में जैसे-तैसे बस में रात निकल जाती है। लेकिन ग्रीष्म में मच्छरों के बीच गर्मी से बेहाल होना पड़ता है। ऐसे में कई ड्राइवर व कंडक्टर बस की छतों पर जान खतरे में डालकर सोते हैं। जो कभी भी  जानलेवा साबित हो सकता है। दरअसल नींद में आधी रात को पानी पीने एवं लघुशंका करने के लिए नीचे उतरते वक्त हादसा हो सकता है।

कामगार सेना ने दिया है निवेदन 
महाराष्ट्र एसटी कामगार सेना की ओर से उपरोक्त समस्या को देखते हुए प्रशासन को निवेदन दिया गया है। जिसमें ग्रामीण इलाकों में हॉल्टींग पर रहनेवाले ड्राइवर, कंडेक्टर के लिए रहने की पर्याप्त व्यवस्था कराने की मांग की है। लेकिन पदाधिकारियों के अनुसार अभी तक रीदोरा, लालबर्रा में व्यवस्था नहीं की गई है।

हमारी ओर से हॉल्टिंग में रहनेवाले ड्राइवर, कंडक्टरों के लिए ग्रामीण इलाकों में ग्रामपंचायतों से कहकर समाज भवन आदि की सुविधाएं कराई गई है। जहां ड्राइवर व कंडक्टर रात बिता सकते हैं। राजबुरा में हुई घटना में ड्राइवर किसी अन्य काम से बस के ऊपर चढ़ा जिसमें पैर फिसलने से वह नीचे गिरा था।
अशोक वरठे, विभाग नियंत्रक, एस टी परिवहन महामंडल नागपुर 

 

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