गर्मी के साथ ही अब गहराने लगा है जलसंकट,  तेजी से बढ़ रही टैंकरों की संख्या 

गर्मी के साथ ही अब गहराने लगा है जलसंकट,  तेजी से बढ़ रही टैंकरों की संख्या 

Tejinder Singh
Update: 2019-02-14 16:06 GMT
गर्मी के साथ ही अब गहराने लगा है जलसंकट,  तेजी से बढ़ रही टैंकरों की संख्या 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में सूखे की स्थिति के कारण गहराते जलसंकट के बीच पीने के पानी के लिए टैंकरों की मांग लगातार बढ़ रही है। प्रदेश के 1841 गांवों और 4006 बस्तियों में 2230 टैंकर शुरू हैं। जिसमें 170 सरकारी और 2060 निजी टैंकरों का समावेश है। बीते सप्ताह 2041 टैंकर शुरू थे। पिछले वर्ष की तुलना में टैंकरों की संख्या में 10 गुना की बढ़ोतरी हुई है। गत वर्ष फरवरी महीने के दूसरे सप्ताह में केवल 222 टैंकर शुरू थे। प्रदेश सरकार के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य भर में मराठवाड़ा संभाग में सबसे अधिक 1334 टैंकरों की जरूरत पड़ रही है। नाशिक विभाग में 590, अमरावती विभाग में 65 और कोंकण विभाग में 9 टैंकर शुरू हैं। जलापूर्ति विभाग के अनुसार अकेले औरंगाबाद के 503 गांवों और 189 बस्तियों में 690 टैंकर शुरू हैं। जालना के 171 गांवों और 9 बस्तियों में 215 टैंकर, बीड़ के 307 गांवों और 134 बस्तियों में 381 टैंकर, नांदेड़ के 11 गांवों और 1 बस्ती में 12 टैंकर, परभणी के 2 गांवों में 2 टैंकर, हिंगोली के 2 गांवों में 7 टैंकर, नांदेड़ के 11 गांवों में 12 टैंकर, उस्मानाबाद के 18 गांवों 25 टैंकर, लातूर के 3 गांवों में 2 टैंकर शुरू हैं। जबकि नाशिक के 126 गांवों और 369 बस्तियों में 128 टैंकर, अहमदनगर के 338 गांवों और 1757 बस्तियों में 415 टैंकर, धुलिया के 14 गांवों में 10 टैंकर और जलगांव के 54 गांवों में 37 टैंकर से पानी पहुंचाया जा रहा है। बुलढाणा के 65 गांवों में 65 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। 

विभागवार टैंकरों की संख्या

मराठवाड़ा     - 1334 
नाशिक         - 590
अमरावती     -  65
पुणे             - 232
कोंकण        -  9
 

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