चुनावी रैलियों के खर्च के लिए मनसे को चुनाव आयोग का नोटिस, राजनीतिक दलों के लिए नहीं कोई सीमा

चुनावी रैलियों के खर्च के लिए मनसे को चुनाव आयोग का नोटिस, राजनीतिक दलों के लिए नहीं कोई सीमा

Tejinder Singh
Update: 2019-05-03 15:48 GMT
चुनावी रैलियों के खर्च के लिए मनसे को चुनाव आयोग का नोटिस, राजनीतिक दलों के लिए नहीं कोई सीमा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा की तरफ से सवाल उठाए जाने के बाद प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को नोटिस भेजकर चुनाव के दौरान की गई रैलियों के खर्च का ब्यौरा मांगा है पर इससे पार्टी के लिए कोई मुश्किल पैदा नहीं होगी। क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से राजनीतिक दलों को पार्टी खर्च के लिए कोई राशि की सीमा निर्धारित नहीं की गई है।

अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी दिलीप शिंदे ने ने शुक्रवार को बताया कि मनसे को रैली के खर्च का ब्यौरा देने के लिए नोटिस दी गई है। पार्टी को 90 दिनों के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी। शिंदे ने कहा कि भाजपा ने मनसे की रैलियों के खर्च के बारे में हमें पत्र लिखा था। जिस पर संज्ञान लेते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने भारत निर्वाचन आयोग का अभिप्राय मांगा था। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार उम्मीदवारों और पार्टी के खर्च को लेकर एक नियमावली बनाई है। राजनीतिक दलों को पार्टी और उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार का खर्च अपने-अपने खाते में दिखाना पड़ता है।

इसके आधार पर मनसे को खर्च को लेकर नोटिस दी गई है। मनसे को इस नोटिस का जवाब देना होगा। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए 70 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं। लेकिन पार्टियों की तरफ से खर्च किए जाने वाली राशि की कोई सीमा निश्चित नहीं की गई है। इसलिए इस मामले में राजनीतिक दलों के लिए कोई मुश्किल नहीं होती।  

 

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