चुनाव निपट गए, कब मिलेगा अनुदान, सेंट्रल जीएसटी में भी 38 हजार 581 पद खाली, पीएम को लिखी चिठ्‌ठी

चुनाव निपट गए, कब मिलेगा अनुदान, सेंट्रल जीएसटी में भी 38 हजार 581 पद खाली, पीएम को लिखी चिठ्‌ठी

Tejinder Singh
Update: 2019-05-13 16:25 GMT
चुनाव निपट गए, कब मिलेगा अनुदान, सेंट्रल जीएसटी में भी 38 हजार 581 पद खाली, पीएम को लिखी चिठ्‌ठी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। चुनाव तो निपट गए, लेकिन जिले के लाभार्थियों को अभी तक मार्च व अप्रैल का अनुदान नहीं मिल सका है। जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया में लगे हुए है। लोकसभा चुनाव की वोटिंग हो गई, लेकिन अभी तक लाभार्थियों के अनुदान की सूची जिला कोषागार कार्यालय नहीं पहुंच सकी है। जिले में 1 लाख 85 हजार लाभार्थी अनुदान का इंतजार कर रहे है। इन निराधार लाभार्थियों को लोगों से पैसे उधार लेकर दो जून की रोटी का इंतजार करना पड़ रहा है। सरकार की तरफ से दिव्यांग, विधवा व निराधारों को हर महीने अनुदान दिया जाता है। अनुदान सीधे इनके बैंक अकाउंट में जमा होता है। अनुदान 600 व 900 रुपए प्रति महीने के हिसाब से जमा होता है। मार्च महीने में आचार संहिता लग जाने के बाद से जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया में लगे हुए है। संजय गांधी निराधार योजना कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी भी चुनाव ड्यूटी में है। नागपुर शहर में 70 लाख व ग्रामीण में 1 लाख 15 हजार लाभार्थी है। मार्च व अप्रैल महीने का अनुदान इनके बैंक खाते में नहीं पहुंच सका है। मई का करीब आधा महीना हो रहा है और अभी तक लाभार्थियों की सूची जिला कोषागार कार्यालय नहीं पहुंच सकी है। यहां से अनुदान को मंजूरी मिलने के बाद जिला प्रशासन संबंधित लाभार्थियों के खाते में अनुदान जमा करता है। निराधार लोगों को ही अनुदान दिया जाता है। इनके पास आय को दूसरा कोई स्रोत नहीं रहता है। सरकारी अनुदान पर ही इनका पेट पलता है। मार्च, अप्रैल व मई महीने का बिल अभी तैयार नहीं हो सका है। समय पर अनुदान नहीं मिलने से लाभार्थियों के बुरे हाल है। उधार लेकर काम चलाया जा रहा है। निवासी उपजिलाधीश रवींद्र खजांजी के मुताबिक 31 मार्च को आर्थिक वर्ष समाप्त होता है। नई ग्रैंट (अनुदान) मई में आती है। मार्च, अप्रैल व मई ऐसे तीन महीने की ग्रैंट एक साथ मिलेगी। अधिकारी चुनाव में व्यस्त थे, लेकिन बिल मिलने में देरी के लिए यह कारण नहीं है। आर्थिक वर्ष का असर है आैर हर साल दो महीने परेशानी होती है। इसी महीने लाभार्थियों के खाते में तीन महीने (मार्च, अप्रैल, मई)का अनुदान जमा हो जाएगा। 

सेंट्रल जीएसटी में 38 हजार 581 पद खाली 

इसके अलावा सेंट्रल जीएसटी एण्ड कस्टम्स में नागपुर समेत देश भर में टॉप टू बॉटन हर जगह सालों से पद खाली पड़े है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक ऐसे 38581 पद खाली पड़े है। सेंट्रल बोर्ड आफ इनडायरेक्ट टैक्स एण्ड कस्टम्स की साइट पर यह आंकडे जारी करने के बाद इसका खुलासा हो सका है। सेंट्रल जीएसटी एण्ड कस्टम्स में ग्रुप -ए, ग्रुप -बी, ग्रुप -बी (नॉन गजेटेड) व ग्रुप -सी के तहत पदों का वर्गीकरण किया गया है। सहायक आयुक्त, मुख्य लेखा अधिकारी से लेकर प्रधान मुख्य आयुक्त स्तर के अधिकारी ग्रुप ए में शामिल है। अधीक्षक, प्रशासनिक अधिकारी ग्रुप बी में है। इंस्पेक्टर, हेड क्लर्क ग्रुप बी (नान गजेटेड) में है। सिपाही, हवलदार, क्लर्क ग्रुप सी में शामिल है। ग्रुप -ए में 2354, ग्रुप -बी में 5874, ग्रुप -बी (नॉन गजेटेड) में 13190 व ग्रुप -सी में 17163 पद खाली प़ड़े है। इसतरह कुल 38 हजार 581 पद खाली पड़े है। इसमें नागपुर भी शामिल है। नागपुर में इंस्पेक्टर, अधीक्षक, उपायुक्त व आयुक्त स्तर के अधिकारियों की कमी है। नागपुर में आडिट कमिश्नर का चार्ज जीएसटी कमिश्नर संजय राठी देख रहे है। जीएसटी नागपुर -2 के कमिश्नर आशीष चंदन कस्टम कमिश्नर का अतिरिक्त चार्ज देख रहे है। 

कैटेगिरी    मंजूर पद  पदस्थ  खाली पद
ग्रुप-ए     6410        4056    2354
ग्रुप-बी   22217       16343   5874
ग्रुप-बी   32362       19172   13190
ग्रुप-सी  30740       13577   17163

कुल     91729     53148    38581

पीएम को लिखी चिट्ठी 


आल इंडिया फेडरेशन आफ कस्टम्स, सेंट्रल एक्साइज एण्ड जीएसटी एससी, एसटी एम्प्लाइज वेल्फेयर आर्गानायजेश के अध्यक्ष संजय थुल ने खाली पदों को तुरंत भरने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्टी लिखकर खाली पदों को तुरंत भरने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विभाग के ही महानिदेशक मानव संसाधन विकास विभाग ने सेंट्रल बोर्ड आफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एण्ड कस्टम्स की साइट पर यह सूची जाहिर कर इसका खुलासा किया है। खाली पदों को भरने से युवाआें को रोजगार मिलेगा।
 

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