खतरे में प्राचीन किशोर सागर तालाब का अस्तित्व, तन गईं इमारतें
खतरे में प्राचीन किशोर सागर तालाब का अस्तित्व, तन गईं इमारतें
डिजिटल डेस्क छतरपुर । छत्तरपुर शहर के सबसे प्राचीन किशोर तालाब को जमीन को भूमाफियाओं ने खुर्द-बुर्द कर दिया। इतना ही नही तालाब की जमीन पर पुराई कर असरदारो ने आलीशान मैरिज गार्डन और बिल्डिंग तान दी है। हैरत की बात तो यह कि भूमाफियाओं की इस करतूत पर प्रसासन और नगर निगम के अफसर मौन है। जानकारों का कहना है अफसरों की साठगांठ से भूमाफिया अब किशोर तालाब का पूरी तरह से वजूद खत्म करने की फिराक में है।
7 एकड़ जमीन पर कब्जे का दावा
शहर के जानकारों के दावो मुताबिक दवंगो ने किशोर तालाब के 7 एकड़ के भूखंड पर रसूखदारों ने अतिक्रमण कर मकान और दुकान तान ली है। सूत्रों का कहना है तालाब की सरहद में अब भी पुराई कराई जा रही है। भूमाफियाओं के बीच बेजा कब्जे की मची होड़ से प्रचीन तालाब के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे है। बताया जाता है कि किशोर सागर तालाब करीब 15 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ था। भू माफियाओं ने तालाब के किनारों में पुराई कर विल्डिग़ें खड़ी कर दी है। चर्चा है कि शहर के नामी भू माफियाओं और रसूखदारों की नजर में अब प्राचीन तालाब का शेष रकवा चढ़ा हुआ है।
कचरे से दूषित हुआ पानी
जवाहर रोड स्थित किशोर सागर तालाब में गंदगी के चलते लोगों ने आम निस्तार बंद कर दिया। तालाब में लोगों ने बड़ी मात्रा में कचरा फेंक दिया है। इससे तालाब का पानी प्रदूषित हो गया है। इसी के चलते लोग तालाब के पानी का उपयोग नहीं कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि कचरे और मलवें से पानी के प्रदूषित होने के साथ उसमें बदबू आ रही है। जबकि तालाब के रिक्त भूखण्ड में पुराई कर जमीन को समतल किया जा रहा है। बताया जाता है कि 2007 में नगर पालिका द्वारा तालाब का गहरीकरण कराया गया था। इसके बाद प्रशासन द्वारा तालाब की सुध नहीं ली गई है। किशोर सागर तालाब का शेष रकवा सुरक्षित नहीं होने से कब्जा कर इसे खुर्दबुर्द किया जा रहा है।
अतिक्रमण बना प्रशासन के लिए चुनौती
खजुराहो दौरे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भले ही तालाबों का सीमांकन करा कर अतिक्रमण हटाने का एलान किया हो लेकिन यह अभियान इतना आसान नहीं है। उल्लेखनीय है कि अकेले छतरपुर शहर में एक दर्जन से ज्यादा तालाब है जिनमें ज्यादा तर अतिक्रमण की चपेट में है। राजनीतिक रूप से सम्रद्ध और दबंग लोगों ने तालाबों का बजूद सिमटा दिया है और बेशकीमती भूखण्ड़ों को अपने कब्जे में ले लिया है। इसके चलते तालाबों से अतिक्रमण हटाना प्रशासन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। अब देखना यह है कि प्रशासन रसूखदारों का अतिक्रमण कब तक हटाता है।
बुजुर्गो का दावा, धरोहर खतरे में
करीब तीन सौ साल पुराना तालाब करीब 15 एकड़ में फैला हुआ था। सरहंग लोगों ने तालाब के रिक्त भूखण्ड पर कब्जा कर इसे खुर्दबुर्द कर दिया है। तालाब के पानी में गंदगी के चलते लोगों ने आम निस्तार बंद कर दिया है। प्राचीन धरोहर खतरे में है।
शंकर आदिवासी, स्थानीय निवासी
अतिक्रमण के चलते तालाब की सीमा सिमट गई है। साफ सफाई नहीं होने से तालाब का पानी प्रदूषित हो गया है। तालाब के किनारों पर माकान और मैरिज गार्डन तैयार कर कब्जा कर लिया गया है। शहर के सबसे पुराने तालाब पर ग्रहण लग गया है।
गंगाराम कुशवाहा, स्थानीय निवासी
इनका कहना है।
तालाब की सीमा में अतिक्रमण को चिंहित कर लिया गया है। शीघ्र ही तालाब की सीमा में किये गये अतिक्रमण को हटाया जायेगा।
रमेश भंडारी, कलेक्टर