पार्थिव देह आते ही हर किसी की नम हुई आँखे, अंतिम विदाई में शामिल हुआ पूरा गाँव

पार्थिव देह आते ही हर किसी की नम हुई आँखे, अंतिम विदाई में शामिल हुआ पूरा गाँव

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-07 17:14 GMT
पार्थिव देह आते ही हर किसी की नम हुई आँखे, अंतिम विदाई में शामिल हुआ पूरा गाँव


डिजिटल डेस्क सिवनी। ग्राम जैतपुर के बघेल परिवार को क्या मालूम था कि जिनका लाल देश सेवा करने के लिए वापस ड्यूटी में जा रहा है वह दुनिया से विदा ले लेगा। जैसे बेटे के निधन की खबर आई तो परिवार के लोग सहम गए और पूरा गांव गमगीन हो गया। जैतपुर के रहने वाले आदर्श बघेल(30) का चार जनवरी को दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन में सड़क हादसे में निधन हो गया था। आदर्श का पार्थिव देह गुरुवार को सिवनी पहुंचा तो हर किसी की आंखे नम हो गई। उसे अंतिम विदाई देने बड़ी संख्या में लोग एकजुट हुए।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
आदर्श का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। आर्मी के जवान भी यहां पहुंचे और सलामी दी। वैनगंंगा तट के किनारे अंतिम संस्कार में सभ्ी वर्ग के  लोग पहुंचे। परिवार को ढांढस बांधा और आदर्श की देश सेवा को नहीं भुलाया जा सकता।
भाईयों में सबसे बड़ा
आदर्श के पिता शिवकुमार बघेल किसान हैं। आदर्श घर में सबसे बड़ा  था जबकि छोटा भाई बीएसएफ में है और तीसरा भाई पिता के साथ खेती संभालता है। आदर्श की पहली पोस्टिंग जम्मू के उधमपुर में 16 मार्च 2010 को हुई। यहां वह 2013 तक रहे। इसके बाद इलाहाबाद में 504 एएसटी बटालियन में 2017 तक और इसके बाद अमृतसर में 515 एएसटी  बटालियन में रहा। हाल ही में वह अपने घर आया था और वापस ड्यूटी पर जा रहा था।

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