महगवाँ और चिन्नौटा में निकाला जा रहा उत्कृष्ट श्रेणी का आयरन ओर - कार्रवाई करने से डरते रहे अधिकारी
महगवाँ और चिन्नौटा में निकाला जा रहा उत्कृष्ट श्रेणी का आयरन ओर - कार्रवाई करने से डरते रहे अधिकारी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । उत्कृष्ट श्रेणी के आयरन ओर की अवैध खुदाई करने वालों ने सरकारी भूमि के साथ वन भूमि को भी नहीं छोड़ा है। महगवाँ में गत दिवस जब प्रशासन की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की तो पता चला कि खनन माफिया ने चिन्नौटा के वन क्षेत्र में भी खुदाई कर डाली है। शिकायतकर्ताओं का दावा है कि दोनों क्षेत्रों में यदि केवल खोदे गए गड््ढों और नोचे गए पहाड़ों की ही नाप कर ली जाए तो ये डेढ़ सौ करोड़ से लेकर पाँच सौ करोड़ तक का अवैध उत्खनन है। खनन माफिया के जो लोग यहाँ सक्रिय हैं, वो अपने आप को दोनों प्रमुख पार्टियों की बड़ी राजनैतिक हस्तियों का नाम लेकर उनका खास बताते हैं, इसी वजह से कोई बड़ी कार्रवाई करने से पहले प्रशासन को काफी सोचना पड़ता है। हालाँकि जिस तरह से वन भूमि को उजाड़ा जा रहा है, उससे प्रशासन को किसी से डरना नहीं चाहिए, बल्कि पर्यावरण बचाने स्वस्फूर्त सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
राजस्व और वन भूमि पर नजर 7 अवैध खनन करने वाले लोग लगातार शासन-प्रशासन की आँख में धूल झोंककर सक्रिय हैं, शुक्रवार को माइनिंग विभाग सहित राजस्व और पुलिस की टीम ने सिहोरा के महगवाँ क्षेत्र में छापा मारा तो यहाँ बड़ी मात्रा में आयरन ओर का अवैध उत्खनन हो रहा था। टीम ने यहाँ से चार हाइवा और एक जेसीबी जब्त की थी। टीम को जाँच में पता चला कि यहाँ महीनों से ब्रोकन हिल माइनिंग कंपनी के द्वारा बड़ी मात्रा में सरकारी जमीन पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इस क्षेत्र में लगभग 10 हेक्टेयर भूमि राजस्व और वन विभाग की है। कंपनी द्वारा इसी भूमि पर आयरन ओर खनिज की खुदाई की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि डेढ़ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध खनिज की खुदाई इस क्षेत्र में हो चुकी है। सूत्रों का यह भी कहना है कि ब्रोकन हिल माइनिंग कंपनी के कर्ताधर्ता भोपाल के जसजीत सिंह वालिया हैं जो इस क्षेत्र के अलावा चिन्नौटा में भी खुदाई कर रहे हैं। चिन्नौटा में भी वन भूमि पर ही खुदाई हो रही है। जब भी कोई अधिकारी मौके पर कार्यवाही के लिए जाता है तो कंपनी के कर्ताधर्ता उन्हें अपनी राजनैतिक पहुँच बताकर तरह-तरह से धमकाते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि ये सत्ताधारी दलों के नेताओं के साथ अपनी पहुँच का हवाला देकर पार्टनर भी बदलते रहते हैं। उच्च पदस्थ राजनेताओं के नामों को लेकर अब तक करोड़ों रुपये का खनिज निकाल चुके हैं।