कलेक्ट्रेट के सामने किसानों का डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन

कलेक्ट्रेट के सामने किसानों का डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-05 09:06 GMT
कलेक्ट्रेट के सामने किसानों का डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन

डिजिटल डेस्क, सीधी। विभिन्न समस्याओं को लेकर किसानों ने  कलेक्ट्रेट के सामने बीथिका परिसर में डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन शुरू कर दिया है। शहर के पूजा पार्क में एकत्रित किसान हुए और फिर पदयात्रा कर बीथिका में डेरा डालने पहुंचे थे। क्रांतिकारी मोर्चा के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों के किसान आठ सूत्रीय मांगो को लेकर आंदोलन पर हैं।

क्रांतिकारी मोर्चा रोको, टोकों, ठोको के संयोजक उमेश तिवारी ने बताया कि आठ सूत्रीय मांगो को लेकर किसानो के साथ आंदोलन किया जा रहा है।

यह थी मांगे
- जिसमें नई भू-अर्जन कानून के तहत मूसामूड़ी एवं भुमका में आर्यन पावर कंपनी के द्वारा अधिग्रहित की जा रही जमीन का मुआवजा दिया जाए।
- अन्यथा खसरे में कंपनी की जगह भू-स्वामी का नाम अंकित किया जाए।
- गुलाब सागर बांध से डूब प्रभावित किसानों को भूमि परिस पत्तियो का मुआवजा सिंचित जमीन के बराबर दिया जाए।
- संजय नेशनल पार्क के 42 गांवो के ग्रामीणों का जबरदस्ती विस्थापन बंद किया जाए।
- वन एवं राजस्व भूमियों में वर्षों से आवाद एवं कास्त आदिवासियों को पट्टा वितरित किया जाए।
- तिलवारी गांव मे वाटर शेड योजना से कराए गए कार्य का मजदूरी भुगतान किया जाए।
- प्रधानमंत्री आवास योजना मे कमीशनखोरी बंद किया जाए। समदा कृषि फार्म के नाम पर 150 एकड़ का फर्जी पट्टा निरस्त किया जाए।
- चुरहट तहसील के मरसर गांव मे बसे आदिवासियों को पट्टा तत्काल वितरित किया जाए।

उक्त मांग को लेकर आंदोलन की शुरूआत सोमवार से की गई। किसानों के इस आंदोलन की अगुवाई रोको, टोको, ठोकों संगठन के द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही इस आंदोलन का समर्थन करने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पाटी व आम आदमी पार्टी के द्वारा अपने दल का झंडा लेकर पहुंचे।

चौकन्नी रही पुलिस
किसान आंदोलन को लेकर पुलिस द्वारा तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई थी। आंदोलनकारियों के इर्द-गिर्द आधा सैकड़ा पुलिस कर्मी तैनात रहे वहीं कुछ पुलिसकर्मी बिना वर्दी के सिविल ड्रेस में आंदोलन की स्थिति को भांपते नजर आए। कोतवाली सहित जमोड़ी चौकी व लाइन में पदस्थ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।

ज्ञात हो कि 1 जून से प्रस्तावित देशव्यापी किसान आंदोलन को लेकर जिले में भी प्रशासन व पुलिस द्वारा व्यापक तैयारी की गई है। इसके पहले जहां किसानों के आंदोलनों में पुलिस बल की कम मौजूदगी देखी जाती थी वहीं आज के आंदोलन को लेकर तगड़ी व्यवस्था बनाई गई थी।

 

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