मक्का की मांग बढ़ेगी तो किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे- सीएम कमलनाथ
मक्का की मांग बढ़ेगी तो किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे- सीएम कमलनाथ
डिजटल डेस्क छिंदवाड़ा। देश का बाजार किसानों पर टिका है, किसानों के पास पैसा होगा तो बाजार मजबूत होगा। एक समय था जब मक्का सिर्फ आदिवासी अंचल के पहाड़ी और हलकी जमीन वाले खेतों में उगाया जाता था। अब मक्का छिंदवाड़ा ही नहीं मप्र के किसानों के मुख्य फसल हो गई है। किसानों को मक्का के सही दाम तभी मिलेंगे जब इसकी मांग बढ़ेगी। ये बातें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिस ग्राउंड में कार्न फेस्टिवल के शुभारंभ अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने 1980 में आइल सीड मिशन के तहत सोयाबीन की खेती शुरू कराई। उस समय किसान सोयाबीन उगाना नहीं जानते थे, उन्हें यह भी नहीं पता था कि सोयाबीन कहां कितने दाम में बिकेगा। फिर ऐसे हालात बने कि छिंदवाड़ा जिला सोयाबीन उत्पादन के मामले में देश में अव्वल हो गया। मध्यप्रदेश सोयाबीन प्रदेश बन गया। सोयाबीन ने किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध किया लेकिन लगातार एक ही फसल की खेती से सोयाबीन में रोग और अन्य कई परेशानियां बढऩे लगी। हमने छिंदवाड़ा में इसका विकल्प खोजा। किसानों को मक्का की खेती के लिए पे्ररित किया। मक्का आधारित फैक्ट्रियों को बुलाकर खरीदी की व्यवस्था बनाई। कुछ साल पहले जो मक्का 700-800 रुपए क्विंटल बिकता था वह आज दो हजार रुपए क्विंटल से ज्यादा हो गया। देश में मक्का सबसे ज्यादा रकबा छिंदवाड़ा जिले में है। अब मक्का से छिंदवाड़ा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया कि अगला भविष्य मक्का का है। किसानों को चाहिए कि वे इसकी उपज कैसे बढ़ाएं इसका ज्ञान हासिल करें।
इस अवसर पर सांसद नकुल नाथ, कृषि मंत्री सचिन यादव, पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे, जनजातीय कार्य विभाग मंत्री ओमकार सिंह मरकाम, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, विधायक निलेश उइके, विजय चौरे, सोहन बाल्मिक, कमलेश प्रताप शाह, सुजीत सिंह चौधरी और सुनील उइके सहित अन्य नेता उपस्थित थे।