भीमकुंड से गांव लौट रहे पिता-पुत्र की बाइक को अज्ञात ट्रक ने मारी टक्कर, दोनों की मौत

भीमकुंड से गांव लौट रहे पिता-पुत्र की बाइक को अज्ञात ट्रक ने मारी टक्कर, दोनों की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-16 12:57 GMT
भीमकुंड से गांव लौट रहे पिता-पुत्र की बाइक को अज्ञात ट्रक ने मारी टक्कर, दोनों की मौत

डिजिटल डेस्क बकस्वाहा । एक परिवार की मकर संक्रांति की खुशियां मातम में उस समय बदल गईं जब पिता और पुत्र की एक साथ मौत हो गई। सागर जिले के मुआर खेरा गांव के एक पिता और पुत्र बाइक से छतरपुर जिले के भीमकुंड में मकर संक्रांति की डुबकी लगाने आए थे। लौटते समय शाम 5 बजे अज्ञात वाहन (संभवतया ट्रक) ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। इससे पुत्र की घटना स्थल पर हुई मौत हो गई। पिता को समय पर उपचार नहीं मिल पाने के कारण दम तोड़ दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। पुत्र का शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो चुका है। थाना बकस्वाहा क्षेत्र के मड़देवरा में एक सड़क हादसा हो गया। सागर-कानपुर नेशनल हाइवे में यह हादसा हुआ। सागर जिले के शाहगढ़ थाना क्षेत्र के मुआर खेरा निवासी गोरे लाल अहिरवार (55) और उनका बेटा पंचम उर्फ भूरा अहिरवार (32) बुधवार की दोपहर अपने घर से बाइक पर सवार होकर भीमकुंड का मेला देखने के लिए रवाना हुए। मड़देवरा के पास अज्ञात वाहन ने इनकी बाइक में टक्कर मार दी। इस दर्दनाक हादसे में पंचम की मौके पर मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि पंचम का शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हो गया। वहीं गोरे लाल कुछ देर घटनास्थल पर तड़पता रहा। लेकिन उसे उपचार नहीं मिल पाने के कारण उसकी भी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर टीआई रामनाथ तिवारी घटनास्थल पर पहुंचे। दोनों शव को बकस्वाहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया गया। गुरुवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा। अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
चश्मदीद बोले-तेज रफ्तार ट्रक ने मारी टक्कर
पुलिस को पिता-पुत्र की मोटर साइकिल को टक्कर मारने वाले वाहन अब तक सुराग नहीं मिला है। थाना प्रभारी ने बताया कि घटना स्थल के आसपास के ग्रामीणों से उक्त वाहन के बारे में पूछताछ की जा रही है। हालांकि मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि पिता-पुत्र को टक्कर मारने वाला तेज रफ्तार ट्रक रुका नहीं, तुरंत भाग गया। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि दुर्घटना के एक घंटे बाद पुलिस स्थल पर पहुंची है। वहीं मृतक के परिजनों ने कहा कि समय पर इलाज मिलता, तो कम से कम पिता की जान तो बचाई जा सकती थी। घटनास्थल से शाहगढ़ अस्पताल की दूरी केवल 8 किमी है।
 

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