द बर्निंग ट्रेन : धू- धू कर जलने लगा चलती ट्रेन का इंजन, चालक की सजगता से बड़ी दुर्घटना टली

द बर्निंग ट्रेन : धू- धू कर जलने लगा चलती ट्रेन का इंजन, चालक की सजगता से बड़ी दुर्घटना टली

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-05 12:32 GMT

डिजिटल डेस्क महोबा। आज यहां एक बार फिर द बर्निंग ट्रेन की कहानी दोहराए जाने से बचा लिया गया। हुआ यूं कि खजुराहो से उदयपुर जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस जब महोबकोठ थाना अंतर्गत घुटई रेलवे स्टेसन के पास पहुंची कि तभी इस गाड़ी के इंजन से आग की लपटें निकलने लगीं। यह आग कोई भयावह रूप धारण करती और इंजन धू-धू कर जलता इसके पहले ही पायलट ने अपने सूझ बूझ का परिचय देते हुए आग पर काबू पा लिया गया। इस दौरान ट्रेन को खड़ा कर दिया गया था। आग लगते ही ट्रेन में यात्रियों में खबराहट फैल गई थी और जैसे ही ट्रेन रूकी यात्री नीचे उतर कर ट्रेन से दूर जा खड़े हुए थे। घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसारा ट्रेन में कोई बड़ी घटना घटित होती उससे पहले ही लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट ने ट्रेन के इंजन में लगी आग को बुझा लिया। जिसकी जानकारी उत्तर मध्य रेलवे में झांसी पीआरओ मनोज कुमार ने दी है। 

घुटई रेलवे स्टेशन के नजदीक हुई घटना 
बताते चलें कि खजुराहो और उदयपुर के बीच चलने वाली ट्रेन संख्या 19665 इण्टर सिटी एक्सप्रेस रोजाना दौड़ती है। महोबा रेलवे स्टेशन से उदयपुर जाने के लिये प्रस्थान का निर्धारित समय दिन के 10 बजकर 55 मिनट है, शनिवार को महोबा स्टेशन से इण्टर सिटी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर उदयपुर के लिये रवाना हुई। अभी ट्रेन  ने कुल एक घण्टे का सफर ही पुरा किया था कि महोबकंठ थाना क्षेत्र के घुटई रेलवे स्टेशन के नजदीक बरंडा के रेलवे फाटक से पहले इण्टर सिटी एक्सप्रेस का इंजन से धुआं उठने लगा। देखते ही देखते ही धुआ आग में परिवर्तित हो गया। यह देख चालक राम लाल ने ट्रेन को खड़ा कर दिया और इसकी सूचना महोबा रेलवे स्टेशन मास्टर समेत हरपालपुर व झांसी रेलवे प्रशासन को दूरभाष से दी। इसके बाद सुरक्षा को देखते हुए कोचों को यात्रियों से खाली कराया गया।  

काम आए अग्नि शामक यन्त्र 
मामले की जानकारी देते हुए जनसम्पर्क अधिक मनोज कुमार ने बताया कि इससे पहले फायर बिग्रेड पहुंचती ट्रेन के लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट ने अग्नि शामक यन्त्र की मदद से आग को बुझा लिया। इसके बाद हरपालपुर से फायर ब्रिगेड घटना स्थल पर पहुची तथा आग को पूर्ण रूप से बुझा लिया गया। आग बुझने के बाद दूसरे इंजन से ट्रेन को झांसी लाया गया। 

 

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