वन प्रबंधक के साथ लेखापाल ने की मारपीट

वन प्रबंधक के साथ लेखापाल ने की मारपीट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-16 08:26 GMT
वन प्रबंधक के साथ लेखापाल ने की मारपीट

डिजिटल डेस्क, सीधी। प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति मर्यादित बरंबाबा में कार्यरत प्रबंधक के साथ प्रबंध संचालक जिला वनोपज सहकारी संघ कार्यालय में कार्यरत लेखापाल द्वारा तेंदूपत्ता परिदान पत्रक को लेकर मारपीट कर दी गई। जिस पर प्रबंधक द्वारा लेखापाल के विरूद्ध कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

दर्ज रिपोर्ट के अनुसार प्राथमिक वनोपज प्रबंधक राजकुमार जायसवाल पिता चंद्रिका प्रसाद जायसवाल द्वारा  शुक्रवार की दोपहर करीब 2 बजे वनोपज सहकारी समिति मर्यादित बरंबाबा का तेंदूपत्ता सीजन 2018 का परिदान पत्रक जमा करने के लिये कार्यालय गए थे। कार्यालय में पदस्थ लेखापाल आनंद बहादुर सिंह द्वारा किसी बात को लेकर न केवल गाली देने लगे, बल्कि मारपीट तक करने लगे। लेखापाल द्वारा कहा गया कि हर जगह की जानकारी आ गई, तुम्हारी जानकारी काफी देर से क्यों आ रही है। लेखापाल के प्रश्न पर पीड़ित वन प्रबंधक ने कहा कि फड़वार जानकारी क्रेता से मिलान करने के बाद ही परिदान पत्रक को पूर्ण कर तत्काल लेकर आ रहा हूं। जिस पर लेखापाल आनंद सिंह भड़क गए और मारपीट करने लगे।

इतना ही नहीं लेखापाल द्वारा जूता उतारकर मारपीट किए जाने के दौरान कार्यालय में उपस्थित क्रेता प्रतिनिधि सचिन सिंह एवं प्रेमलाल जायसवाल व अन्य लोगों द्वारा बीच बचाव किया गया। पीड़ित के अनुसार लेखापाल श्री सिंह द्वारा वन प्रबंधक को नौकरी से हटाने तक की धमकी दे डाली गई। बहरहाल पीड़ित वन प्रबंधक राजकुमार जायसवाल द्वारा घटना की शिकायत कोतवाली में की गई है। पुलिस द्वारा मामले को जांच में लिया गया है।

जिला पंचायत सदस्यों को नियम कायदों की जानकारी देने सीईओ ने बांटी अधिनियम की प्रति
जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में केवल पीएचई के मुद्दे को एजेण्डे में शामिल करने से सदस्यों की नाराजगी देखी गई है। अधोसंरचना मद में 18 करोड़ की अनियमितता को एजेण्डे से बाहर करने पर अध्यक्ष को सदस्यों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। जिला पंचायत की बैठक में पहली मर्तबा नियम कायदों की जानकारी देने सीईओ द्वारा पंचायत राज अधिनियम की प्रति बांटी गई है। सामान्य सभा की बैठक में अधोसंरचना मद में हुए घपले को लेकर एजेण्डे को केवल पीएचई के कार्यों तक ही सीमित रखा गया था।

अध्यक्ष अभ्युदय सिंह राज सदस्यों की मंशा जानने के बाद भी केवल एक विषय पर ही बैठक को सीमित कर दिया था। अधोसंरचना के मुद्दे को किनारे रखने के कारण ही उन्हें सदस्यों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। बताया गया है कि शुरूआती दौर में ही जिला पंचायत सदस्य शेषमणि पनिका, नरेन्द्र सिंह भंवर ने केवल एक मुद्दे को लेकर बैठक आयोजित करने पर नाराजगी जाहिर की साथ ही सदस्यों के अधिकारों को सीमित रखने के लिये तीखी आलोचना भी की।

 

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