बाघिन का स्वास्थ्य जानने पहुंचे वन मंत्री, गोरेवाड़ा में नहीं बचे पिंजरे

बाघिन का स्वास्थ्य जानने पहुंचे वन मंत्री, गोरेवाड़ा में नहीं बचे पिंजरे

Tejinder Singh
Update: 2020-09-27 10:29 GMT
बाघिन का स्वास्थ्य जानने पहुंचे वन मंत्री, गोरेवाड़ा में नहीं बचे पिंजरे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन मंत्री संजय राठोड़ शनिवार को नरभक्षी बाघिन के स्वास्थ्य की जानकारी लेने सेमिनरी हिल्स स्थित  ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर (टीटीसी) पहुंचे। इस दौरान उनके साथ प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) नितीन काको़कर, मुख्य वन संरक्षक नागपुर कल्याण कुमार, डीएफओ प्रभुनाथ शुक्ला आदि उपस्थित थे। 

14 दिन के लिए क्वारेंटाइन 

उल्लेखनीय है कि 23 सितंबर को यवतमाल के पांढरकवड़ा परिसर से एक टी-1 टी-2 सी-1 नामक बाघिन को रेस्क्यू कर पकड़ा गया था। बाघिन क्षेत्र में आतंक मचा रखी थी। वह एक महिला के अलावा कई मवेशियों को अपना शिकार बना चुकी है, इसलिए उसे पकड़ने का आदेश वन विभाग ने जारी किया था। बाघिन को 14 दिन के लिए टीटीसी में क्वारेंटाइन रखा गया है। वन मंत्री दोपहर 12 बजे यहां पहुंच कर बाघिन का कैमरों के माध्यम से निरीक्षण कर उसकी गतिविधियों के बारे में  और उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली है।

बाघों को रखने के लिए गोरेवाड़ा में नहीं बचे पिंजरे

इस वर्ष वन्यजीवों का बड़े पैमाने पर रेस्क्यू कर गोरेवाड़ा बचाव केंद्र में लाने से यहां बाघों के रखने की जगह लगभग फुल हो गई है। 9 पिंजरे भर चुके हैं, सिर्फ एक पिंजरा खाली है। इसमें शीघ्र ही ट्रांजिट ट्रीटमेंट से एक बाघिन को शिफ्ट किया जाने वाला है, जिससे वह भी भर जाएगा। उसके बाद यहां बाघों के रखने की जगह नहीं बचेगी। उल्लेखनीय है कि यहां 10 बाघों के रखने की क्षमता है। 

9 बाघ हैं मौजूद

तालाबंदी के कारण इस साल वन्यजीवों की मूवमेंट बढ़ गई है, जिसके कारण मार्च महीने से लेकर अब तक एक दर्जन से ज्यादा रेस्क्यू ऑपरेशन कर बाघ व तेंदुओं को पकड़ा गया है। इन्हें गोरेवाड़ा स्थिति बचाव केंद्र में रखा जाता है। इनमें से कुछ की मौत हो गई, जबकि कुछ को वापस जंगलों में छोड़ दिया गया है। अभी-भी यहां बाघों की संख्या ज्यादा है। यहां कुल 10 पिंजरों की क्षमता है। इनमें पहले से ही 9 बाघ, बाघिन रखे गए हैं। ऐसे में यवतमाल से हाल ही में एक नरभक्षी बाघिन को सेमिनरी हिल्स स्थित ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर लाया गया है। इसे भी शीघ्र ही गोरेवाला शिफ्ट किया जाएगा। इस तरह सभी  10 पिंजरे फुल हो जाएंगे। दूसरी तरफ चंद्रपुर में भी एक बाघ को पकड़ने की कवायदें शुरू हैं, जिसे पकड़ने के बाद यहीं लाया जानेवाला है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब पिंजरा खाली नहीं होगा, तो उसे कहां रखा जाएगा। वर्तमान में यहां 27 तेंदुए और 10 भालू भी रखे गए हैं।
 

Tags:    

Similar News