पूर्व सीएम फडणवीस को पेशी से मिली छूट,4 जनवरी को होना पड़ेगा हाजिर

पूर्व सीएम फडणवीस को पेशी से मिली छूट,4 जनवरी को होना पड़ेगा हाजिर

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-05 06:46 GMT
पूर्व सीएम फडणवीस को पेशी से मिली छूट,4 जनवरी को होना पड़ेगा हाजिर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से जुड़े बहुचर्चित गलत शपथ-पत्र प्रकरण में  जेएमएफसी न्या. एस. डी. मेहता के कोर्ट में सुनवाई हुई। 4 नवंबर को कोर्ट ने फडणवीस को समन जारी कर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन बुधवार को फडणवीस कोर्ट में नहीं आए। सुबह के सत्र में उन्होंने अपने वकील उदय डबले को कोर्ट में भेजा। एड. डबले ने कोर्ट में अर्जी लगाई और बताया कि कोर्ट के 4 नवंबर के फैसले के अनुसार फडणवीस या उनके वकील को कोर्ट में हाजिर होना था, इसलिए वे फडणवीस की ओर से पैरवी करने आए हैं। फडणवीस अत्यंत महत्वपूर्ण काम से मुंबई में हैं। इसलिए वे सुनवाई में खुद आने में असमर्थ हैं। ऐसे में उन्हें पेशी से छूट दी जाए। 

वकीलों में हुई लंबी बहस
फडणवीस की इस अर्जी का शिकायतकर्ता अधि. सतीश उके ने विरोध किया। उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि फडणवीस जानबूझ कर सुनवाई में नहीं आए। उन्होंने समन जारी होने के बाद ही प्रसार माध्यमों में बात फैला दी थी कि वे बुधवार की सुनवाई में नहीं आएंगे। 5 वर्ष से विचाराधीन इस मामले को और अधिक टालने के लिए फडणवीस सुनवाई मंे नहीं आए हैं। इस मुद्दे पर एड. उके और फडणवीस के वकील डबले में लंबी बहस हुई। अंतत: कोर्ट ने दोपहर 3 बजे तक सुनवाई स्थगित कर दी। 3 बजे कोर्ट ने फैसला सुनाया कि  पेशी से फडणवीस को छूट दी जा रही है, लेकिन अगली सुनवाई में फडणवीस को कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा। फडणवीस को इस मामले में अब कोर्ट से जमानत लेनी होगी। 

ये हैं वो दो मामले
देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ 4 मार्च 1996 और 9 जुलाई 1998 को दो फौजदारी मामले दायर किए गए थे। दोनों में फडणवीस ने प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी न्यायालय से 3000 के निजी जात मुचलके पर जमानत ली थी। वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने भाजपा की ओर से दक्षिण-पश्चिम नागपुर विधानसभा से पर्चा भरा। आवेदन में उन्होंने उपरोक्त दोनों मामलों की जानकारी नहीं दी। एड. सतीश उके ने इस बात को लेकर जेएमएफसी कोर्ट मंे शिकायत की। उस समय संबंधित न्यायालय और हाईकोर्ट ने यह अर्जी खारिज कर दी थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अक्टूबर 2019 को फैसला दिया कि फडणवीस के खिलाफ निचली अदालत को सुनवाई लेनी होगी, जिसके बाद अब निचली अदालत ने सुनवाई शुरू की है। 

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