हेल्थ प्रोडक्ट के कारोबारी के साथ धोखाधड़ी, दुकान का सौदा करने के बाद कर लिया कब्जा

हेल्थ प्रोडक्ट के कारोबारी के साथ धोखाधड़ी, दुकान का सौदा करने के बाद कर लिया कब्जा

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-17 07:45 GMT
हेल्थ प्रोडक्ट के कारोबारी के साथ धोखाधड़ी, दुकान का सौदा करने के बाद कर लिया कब्जा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के एक हेल्थ प्रोडक्ट कारोबारी के साथ 28 लाख 75 हजार रुपए की धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि, आरोपियों ने कारोबारी के पिता से एक दुकान बेचने का 70 लाख में सौदा किया। आरोपी पिता-पुत्र ने उसके पिता से 28 लाख 75 हजार रुपए लेने के बाद बेची गई दुकान पर दोबारा जबरन कब्जा कर लिया और कहा कि, अब उन्हें दुकान नहीं बेचनी है। पैसे वापस मांगने पर आरोपी पैसे भी नहीं दे रहे थे, तब पीड़ित ने न्यायालय में गुहार लगाई। न्यायालय के आदेश पर सीताबर्डी पुलिस ने आरोपी गजानन आगलावे और उसके बेटे सुधीर आगलावे के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। 

पीड़ित करते थे आरोपी की दुकान में काम
पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रियदर्शनी सिविल लाइन फ्लैट नंबर 11/5 निवासी मनीष उमाकांत जायस्वाल (49) हेल्थ प्रोडक्ट का कारोबार करते हैं।  उन्होंने सीताबर्डी थाने में आरोपी गजानन नारायणराव आगलावे (77) और उसके बेटे सुधीर गजानन आगलावे (49), आयचित मंदिर लाकड़ापुल निवासी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। मनीष ने पुलिस को बताया कि गजानन और सुधीर ने मिलीभगत कर उसके पिता के साथ फरेब किया है। आरोपी पिता-पुत्र की मनीष के पिता उमाकांत जायस्वाल से 19 मार्च-2016 से 13 दिसंबर-2019 के बीच पहचान हुई।

मनीष के पिता की बुटीबोरी में देसी शराब की दुकान थी। किसी कारणवश उनकी यह दुकान बंद हो गई। उसके बाद मनीष के पिता उमाकांत जास्वाल,  गजानन की दुकान में नौकरी करने लगे। आरोपी गजानन ने उनके पिता के नाम पर नौकरनामा बनाया था। उस समय मनीष को भी काम की तलाश थी। मनीष भी गजानन आगलावे की दुकान में नौकरी करने लगा था। 15 मार्च-2016 को गजानन ने मनीष और उसके पिता से कहा कि, उन्हें पैसे की बेहद जरूरत है। मेरी दुकान तुम लोग खरीद लो। उस समय गजानन ने दुकान का सौदा 70 लाख रुपए में मनीष के पिता उमाकांत से किया था।

स्टैंप पेपर पर कब्जा पत्र व करारनामा किया
सौदा तय होने के बाद उमाकांत ने 500 रुपए के स्टैंप पेपर पर करारनामा व कब्जापत्र किया था। करारनामा और कब्जापत्र के बाद आरोपी गजानन को मनीष के पिता ने   5 लाख रुपए का चेक व नगद 1 लाख रुपए दिए थे। तब से लेकर अब तक मनीष करीब 28 लाख 75,000 रुपए आरोपियों को दे चुका था। यह बात गजानन के बेटे सुधीर गजानन आगलावे को भी मालूम है। 4 अगस्त-2017 से  8 अगस्त-2017 के बीच मनीष औरंगाबाद गया था। इसी दौरान आरोपी गजानन ने मनीष की अनुपस्थित में उसकी दुकान पर जाकर नौकर को भगा दिया और दुकान में खुद बैठ गया और मनीष को दुकान बेचने से गजानन ने मना कर दिया। तब मनीष न्यायालय की शरण पहुंचा। उन्होंने आरोपी  गजानन और उसके बेटे सुधीर के खिलाफ अर्जी देकर कार्रवाई करने की गुहार लगाई। न्यायालय के आदेश पर सीताबर्डी थाने के उप-निरीक्षक विठोले ने आरोपी गजानन आगलावे और उसके बेटे सुधीर आगलावे के खिलाफ  406, 420, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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