विदेश में भारतीय डॉक्टरों का बोलबाला, गडकरी ने कहा- 10 में 4 डॉक्टर हैं इंडियन

विदेश में भारतीय डॉक्टरों का बोलबाला, गडकरी ने कहा- 10 में 4 डॉक्टर हैं इंडियन

Tejinder Singh
Update: 2018-01-05 11:04 GMT
विदेश में भारतीय डॉक्टरों का बोलबाला, गडकरी ने कहा- 10 में 4 डॉक्टर हैं इंडियन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमेरिका में ऑपरेशन करवाने के लिए मरीज पहली प्राथमिकता भारतीय डॉक्टर को देते हैं। विदेशों में 10 अच्छे डॉक्टरों में 4 भारतीय हैं। शिक्षा सभी को मिलनी चाहिए और उसकी गुणवत्ता से समझौता हुआ तो साख गिरेगी। सरकार के पास सुविधाओं के अभाव के कारण प्राइवेट कॉलेज खोले गए। देश में 9 लाख डॉक्टरों की कमी है। यह बात केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कही। गुरुवार को सुरेश भट सभागृह में आयोजित 55वीं भारतीय बालरोग परिषद ‘पेडिकॉन’ के उदघाटन के अवसर पर वे बोल रहे थे। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महापौर नंदा जिचकार, विधायक सुधाकर कोहले, भारतीय बालरोग परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष सोअन्स, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनुपम सचदेवा, नवनिर्वाचित सचिव रमेश कुमार, डॉ. बकुल पारेख,  परिषद संरक्षक डॉ. उदय बोधनकर, आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. वसंत खलतकर, सचिव डॉ. जयंत उपाध्ये उपस्थित थे।

बॉयो सीएनजी से बड़ी संख्या में चलाएंगे बसें

गडकरी ने कहा कि रिसर्च ही देश का भविष्य है। अमेरिका में 2 लाख पेटेंट रजिस्टर्ड होते हैं। जबकि यहां 2 से ढाई हजार ही, क्योंकि प्राथमिकता नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि कोई भी कचरा बर्बाद नहीं होता है। ब्रह्मपुत्र सागर की रेत में यूरेनियम, थैलियम आदि मिल सकता है, जो बहुत कीमती होगा।  हम उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली सहित अन्य जगह बॉयो सीएनजी से बड़ी संख्या में बसें चलाएंगे। उन्होंने कहा कि गडचिरोली में माल न्यूट्रिशन और कम वजन के कारण बच्चों की मृत्यु होती है। वहीं दूसरी ओर हमारे यहां से सोयाबीन के केक का प्रोटीन विदेश में बेचा जाता है, यदि यह इन बच्चों को मिल गया तो मृत्युदर में कमी आएगी। इस अवसर पर विशेष रूप से मीडिया प्रमुख डॉ. अविनाश गावंडे, प्रभारी डॉ. सुचित बागडे एवं डॉ. विंकी रुघवानी सहित आदि डॉक्टर उपस्थित थे।
 
तीन बार फेल हो चुके बनते हैं मंत्री

केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने चुटकी लेते हुए कहा कि मेरिट में शामिल लोग डॉक्टर बनते हैं। प्रथम श्रेणी से पास होने वाले इंजीनियर और जो तीन बार फेल होते हैं वह मंत्री बनते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे ब्यूटीपार्लर के उद्घाटन कार्यक्रम में बुलाया गया, जब मैंने सवाल पूछा, ऐसा क्याें? तो कहा गया कि आपके आने से फोटो अखबार में छप जाएगी। यानी नेता सब जगह फिट हो जाते हैं, फिर वह कांफ्रेंस हो या ब्यूटीपार्लर का उदघाटन। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश पार्लियामेंट में संबोधन के लिए गया था, तो मुझसे हमारे यहां की सबसे बड़ी समस्या पूछी, इस पर मैंने कहा कि, गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी है। जब मैंने यह सवाल उनसे किया, तो उन्होंने कहा कि बिन ब्याही मां हमारी सबसे बड़ी समस्या है। मैंने उनको बताया कि यह संस्कृति और परिवार के दम पर ही खत्म हो सकता है। हमारे यहां यह नाममात्र है, क्योंकि हम संस्कृति को प्राथमिकता देते हैं।

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