कृत्रिम तालाबों में होगा गणेश विसर्जन, निर्माल्य संग्रहण के लिए कलश का इंतजाम

कृत्रिम तालाबों में होगा गणेश विसर्जन, निर्माल्य संग्रहण के लिए कलश का इंतजाम

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-05 10:41 GMT
शहर में 200 कृत्रिम तालाब तैयार, 100 और लगेंगे, विसर्जन का सिलसिला जारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। फुटाला तालाब छोड़ शहर के सभी तालाबों में गणेश विसर्जन पर पाबंदी लगा दी गई है। विसर्जन के लिए पाबंदी लगाए गए तालाबों को चौतरफा बैरिकेड्स लगाकर सील किया गया है। तालाबों के किनारे तथा शहर में विविध स्थानों पर 300 कृत्रिम तालाबों में गणेश मूर्तियों के विसर्जन का इंतजाम किया गया है। विसर्जन के दौरान पूजा सामग्री का निर्माल्य संग्रहण करने के लिए 51 कलश की व्यवस्था की गई है। छोटी मूर्तियाें का कृत्रिम तालाबों में विसर्जन किया जाएगा। बड़ी मूर्तियों का फुटाला तालाब में विसर्जन किया जा सकेगा।

तालाब में विसर्जन करने पर मूर्तियों पर चढ़ाए गए रसायनिक रंग पानी में मिलने से प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है। तालाबों को प्रदूषण से बचाने के लिए पिछले अनेक वर्षों से तालाबों में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगाई गई है। कृत्रिम तालाब बनाकर छोटी मूर्तियों के विसर्जन का विकल्प दिया गया है। बड़ी मूर्तियों के विसर्जन के लिए पिछले वर्ष फुटाला और नाईक तालाब में अनुमति दी गई थी। इस वर्ष नाईक तालाब में भी मूर्तियों के विसर्जन पर पाबंदी लगा दी गई है। फुटाला तालाब एक मात्र विसर्जन के लिए खुला रखा गया है। 

सक्करदरा में सर्वाधिक व्यवस्था

शहर में सभी प्रभागों में 3-4 निर्माल्य संग्रहण कलश की व्यवस्था की गई है। सक्करदरा तालाब में विसर्जन के लिए सबसे अधिक गणेश मूर्तियां ले जाई जाती हैं। इसे देखते हुए सर्वाधिक कृत्रिम तालाब और निर्माल्य कलश की व्यवस्था की गई है। 

स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग

कृत्रिम तालाबों में गणेश विसर्जन के लिए विविध स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है। शहर में प्रमुख चौराहों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कृत्रिम तालाबों विसर्जन के लिए जनजागरण किया जा रहा है।

कुओं के पानी का होगा इस्तेमाल

इस वर्ष जलसंकट से सबक लेकर मनपा ने गणेश विसर्जन के लिए बनाए गए कृत्रिम तालाबों में पीने का पानी इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय लिया है। शहर में अनेक कुएं हैं। इन कुओं के पानी का कृत्रिम तालाबों में इस्तेमाल किया जाएगा। 
 

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