गरियाबंद : जब महिला ने संभाली जिम्मेदारी : बढ़ी खेती में मुनाफा और पैदावारी

गरियाबंद : जब महिला ने संभाली जिम्मेदारी : बढ़ी खेती में मुनाफा और पैदावारी

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-01-01 08:48 GMT
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डिजिटल डेस्क, गरियाबंद। जब महिला घर के साथ खेती बड़ी की जिम्मेदारी संभालती है तो उसे भी वह व्यवस्थित तरीके से करती है। जैविक खेती अपनाकर छुरा विकासखंड के ग्राम साजापाली की भगवती विपरे खेती में मुनाफा कमा रही हैं और अपनी जमीन को भी उपजाऊ बना रही है। दरअसल में 2 साल पहले तक उनके घर में परंपरागत खेती होती थी प्रचलित आधार पर बुवाई की जाती थी और रासायनिक खाद का उपयोग किया जाता था जिससे ना केवल लागत खर्च बढ़ जाता था बल्कि उत्पादन भी उम्मीद के मुताबिक नहीं होता था। बिहान से जुड़ने के पश्चात संवहनीय कृषि कार्यक्रम अंतर्गत महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में जैविक खाद का उपयोग किस तरह किया जाए बुवाई किया जाए इसे व्यवहारिक तरीके से बताया गया। साथ ही महिलाओं को खेती करने के लिए प्रेरित किया गया है इससे प्रभावित होकर श्रीमती भगवती जो अपने लगभग 3 एकड़ कृषि योग्य भूमि में पहले धान उगाती थी अब आलू, मूंगफली के साथ धान की फसल लेने लगे। इसमें जैविक खाद का छिड़काव किया गया जिससे लागत कम आये और फसल बिना कीटनाशक के गुणवत्तापूर्ण हो। जैविक खाद के प्रयोग से अब लागत खर्च कम आ रहा है इसलिए उनका मुनाफा बढ़ गया। पैदावारी में भी अब गुणवत्ता दिखाई देता है इस तरह भगवती अब उन्नत कृषक बन गई है अभी वह मूंगफली और आलू की खेती कर रही हैं। शासन की योजना बिहान से उन्हें भरपूर मार्गदर्शन और सहायता मिली लोन लेकर उन्होंने खेती करने के कार्य को आगे बढ़ाया और आज संवहनीय कृषि की संवाहक है।

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