हरित क्रांति योजना से कृषक हेमिन बाई ने बढ़ाई अपनी आमदनी

गरियाबंद हरित क्रांति योजना से कृषक हेमिन बाई ने बढ़ाई अपनी आमदनी

Manmohan Prajapati
Update: 2022-08-25 10:41 GMT
हरित क्रांति योजना से कृषक हेमिन बाई ने बढ़ाई अपनी आमदनी

डिजिटल डेस्क, गरियाबंद। खेती के लिये सिंचाई क्षेत्र का रकबे में वृद्धि करने के उद्देश्य से शासन द्वारा हरित कांति विस्तार योजना के तहत गरियाबंद जिले में नलकूप खनन व पंप प्रतिस्थापन का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिससे किसान अपने खेतों में एक से अधिक फसल लेकर एवं फसलों की समय पर सिंचाई कर उत्पादन को बढ़ा सके। शासन द्वारा राज्य में उपलब्ध भू-जल का नलकूपों द्वारा समुचित उपयोग एवं फसलों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराकर उत्पादकता एवं फसल सघनता में वृद्धि करने के उद्देश्य से यह योजना चलाई जा रही है।

जिले की फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम बारूला निवासी महिला कृषक हेमिन बाई अपने कृषि भूमि 2.09 हेक्टेयर रकबा में नलकूप खनन व पंप प्रतिस्थापन कर दोहरी फसल लेने में कामयाबी हासिल की है। कृषक हेमिन बाई ने बताया कि उक्त योजना कृषकों के लिए काफी उपयोगी है। नलकूप खनन व पंप प्रतिस्थापन पश्चात उन्हें कृषि विभाग द्वारा अनुदान राशि 30 हजार रूपये का भुगतान किया गया है।

पहले वह अपने कृषि भूमि में एक ही बार धान की खेती कर पा रही थी परंतु इस योजना से नलकूप खनन व पंप प्रतिस्थापन से अपने कृषि भूमि में अब दो बार फसलों की पैदावारी होने लगी है। जिससे मेरी आमदनी पहले की तुलना में अब लगभग 83 हजार तक की वृद्धि हुई है। इस योजना के संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने हेतु कृषक जहां पर नलकूप खनन कराना चाहते है उस स्थान पर 300 मी. की परिधि में अन्य सिंचाई स्त्रोत ना हो व कृषक का एक चक में एक हेक्टेयर की कृषि भूमि होना अनिवार्य है।

तभी कृषक पात्र होंगे कृषकों को योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन पत्र के साथ नक्शा, खसरा, बी-1, ऋण पुस्तिका, आधार नंबर, शपथ पत्र की छायाप्रति के साथ अपने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पास जमा करना होता है। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के निरीक्षण उपरांत प्रकरण स्वीकृति हेतु कृषि  विभाग के वरिष्ठ कार्यालय को भेजी जाती है।

जहां पंजीयन उपरांत कृषक को बोर खनन व पम्प प्रतिस्थापन कराना होता है बोर खनन व पंप प्रतिस्थापन का भौतिक सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया जाता है। तत्पश्चात देयक कृषि  विभाग के वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्तुत करने के बाद कृषक को अनुदान की राशि दी जाती है।

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