आत्महत्याग्रस्त कृषक परिवारों के लिए जेंडर टास्क फोर्स गठित

आत्महत्याग्रस्त कृषक परिवारों के लिए जेंडर टास्क फोर्स गठित

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-16 08:22 GMT
आत्महत्याग्रस्त कृषक परिवारों के लिए जेंडर टास्क फोर्स गठित

डिजिटल डेस्क,  वर्धा।  जिले में आत्महत्याग्रस्त किसान परिवारों के लिए जेंडर टास्क फोर्स की स्थापना की गई है। इस फोर्स के जरिए किसान आत्महत्याग्रस्त परिवार का सर्वेक्षण कर उनकी विधवा पत्नियों का वारिस के तौर पर रजिस्ट्रेशन  किया जाएगा। इससे उन्हें विविध सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। यह जानकारी विभागीय आयुक्त अनूप कुमार ने दी। विभागीय आयुक्त कार्यालय के सभा कक्ष में विभागीय आयुक्त अनूप कुमार की अध्यक्षता में  जिले के आत्महत्या ग्रस्त किसान परिवार की महिलाओं की समस्याओं को लेकर  बैठक ली गई। इस समय  वे बोल रहे थे।  

सर्वेक्षण कर किया जाएगा रजिस्ट्रेशन 
आत्महत्या किए किसानों की विधवा पत्नियों  का वारिस के तौर पर रजिस्ट्रेशन होना अपेक्षित है। लेकिन अनेक किसानों की विधवा पत्नी का वारिस के तौर पर रजिस्ट्रेशन नहीं होने से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। ऐसे आत्महत्याग्रस्त किसान परिवार की महिलाओं की समस्या  सुलझाने व परिवार का विविध सर्वेक्षण करने  जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जेंडर टास्क फोर्स की स्थापना की गई। इसके तहत किए गए सर्वेक्षण के बाद किसानों की विधवाओं का वारिस के तौर पर रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। गौरतलब है कि जिले में किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए  और  किसान परिवारोंं का समुपदेशन करने जिला प्रशासन की ओर से विविध उपक्रम चलाए जा रहे हैं। परिवार के मुखिया द्वारा आत्महत्या  करने के बाद परिवार की महिलाओं को विविध समस्याओं का सामना करना पड़ता है।  

टीम को दिया जाएगा प्रशिक्षण 
इस बात को गंभीरता से लेकर जिला प्रशासन की ओर से ऐसे परिवारों का सर्वेक्षण कर महिलाओं का पुनर्वास करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत जिलाधिकारी शैलेश नवाल की अध्यक्षता में जेंडर टास्क फोर्स की स्थापना की गई। जिले की शैक्षणिक संस्था की मदद से आत्महत्या ग्रस्त किसान परिवार की महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक व मानसिक स्थिति, पाल्यों की शिक्षा, मदद ऐसे विविध मुद्दों का सर्वेक्षण किया जाएगा। जेंडर टास्क फोर्स में जिलाधिकारी तथा सदस्य सचिव के तौर पर निवासी उपजिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, महिला किसान अधिकारी मंच के प्रतिनिधि, महिला उपजिलाधिकारी, समाज कल्याण संस्था के प्रतिनिधि का समावेश होगा, ऐसी जानकारी आयुक्त अनूप कुमार ने दी। किसान आत्महत्या से निकलने के लिए तैयार किए गए समुपदेशन की टीम की मजबूती के लिए प्रशिक्षण देने के साथ कार्यशाला भी ली जाएगी। जिले में आत्महत्या ग्रस्त परिसर के किसानों की मदद के लिए हेल्पलाइन तैयार की गई है। जिला प्रशासन तथा महिला किसान अधिकार मंच की मदद से हेल्पलाइन केन्द्र का कामकाज चलेगा।   

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