कबाड़ व्यवसायी के ठिकानों पर जीएसटी  का छापा, एक करोड़ से ज्यादा के टैक्स की हेराफेरी 

कबाड़ व्यवसायी के ठिकानों पर जीएसटी  का छापा, एक करोड़ से ज्यादा के टैक्स की हेराफेरी 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-06 08:40 GMT
कबाड़ व्यवसायी के ठिकानों पर जीएसटी  का छापा, एक करोड़ से ज्यादा के टैक्स की हेराफेरी 

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढन)। कबाड़ (स्क्रैप) व्यवसाय की आड़ में टैक्स की हेराफेरी करने वाले वैढऩ के एक कबाड़ व्यवसायी के यहां जीएसटी (सेल्स टैक्स) की टीम ने छापामार कार्रवाई की है। जिससे क्षेत्र के व्यवसाइयों में हड़कंप मचा है। जीएसटी टीम की कार्रवाई के निशाने पर आये व्यवसायी कबाड़ द्वारा न्यू गंगा स्टील इंटरप्राइजेज फर्म के नाम पर व्यवसाय चलाया जा रहा था। कार्रवाई वैढन स्थित इंड्रस्ट्रियल एरिया उद्योग दीप में स्थित कबाड़ व्यवसायी के गोदाम और उसके आवास पर एक साथ शुरू की गई। दोनों जगहों पर जीएसटी की टीमें एक साथ दोपहर 12 बजे पहुंचीं। जिससे मौके पर हडक़ंप मच गया और टीम को अचानक देखकर लोग दहशत में आ गये। व्यवसायी का गोदाम वैढऩ में इंड्रस्ट्रियल एरिया उद्योग दीप में स्थित है और आवास बलियरी रोड स्थित मुस्तफा नगर में है। ऐसे में व्यवसायी के इन दोनों ठिकानों पर जीएसटी की टीमों के एक साथ पहुंचने से हर कोई हैरत में था। बताया जाता है कि कार्रवाई जीएसटी का एंटी इवेजन ब्यूरो दस्ता (कर अवंचन) और जीएसटी वैढऩ वृत्त की टीम द्वारा संयुक्त रूप से की गई। कार्रवाई देर शाम तक चलती रही।

ऐसे टीम की पड़ी नजर

बताया जाता है कि कबाड़ व्यवसायी द्वारा ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने और सेल्स परचेज करने पर टैक्स की हेराफेरी का अंदेशा हुआ। जिसके बाद इसकी प्रारंभिक रूप से जांच की गई और मामला संदिग्ध मिलने पर छापामार कार्रवाई की गई। गुरूवार की कार्रवाई में जीएसटी की टीम ने कबाड़ व्यवसायी के गोदाम स्थित दफ्तर और आवास दोनों ही जगहों पर उसकी फर्म न्यू गंगा स्टील इंटरप्राइजेज और अन्य कार्यों से संबंधित टैक्स आदि के दस्तावेज खंगालती रही। बताया जाता है कि इस दौरान टीम को टैक्स की हेराफेरी से जुड़े कई अहम दस्तावेज मिले हैं।

व्यवसायी ने 90 लाख किये सरेंडर

दिनभर चली कार्रवाई में जीएसटी टीम को कबाड़ व्यवसायी के पास से जो दस्तावेज मिले हैं, उसकी मौके पर चली प्रारंभिक जांच में व्यवसायी द्वारा एक करोड़ से ज्यादा की टैक्स की राशि की हेराफेरी कर विभाग को चूना लगाने की बात सामने आयी है। जिसे लेकर टीम ने व्यवसायी से हेराफेरी की गई टैक्स की राशि सरेंडर करने को कहा। लेकिन व्यवसायी एक करोड़ से ज्यादा की राशि सुनकर बौखला गया और अपनी फर्म के बैंक एकाउंट आदि की जानकारी दिखाकर बताने लगा कि उसके पास फिलहाल इतने पैसे नहीं हैं। हालांकि काफी देर बाद जब उसे समझ में आया कि अब उसके बच पाने के आसार काफी कम हो गये हैं, तो उसने 90 लाख के चेक द्वारा टैक्स की कुछ राशि सरेंडर किया और बाकी के लिये टीम से मोहलत मांगा है। 
 

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