आसमान से बरसे ओले, 20 मिनट में किसानों का सब कुछ हो गया तबाह

आसमान से बरसे ओले, 20 मिनट में किसानों का सब कुछ हो गया तबाह

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-22 14:27 GMT
आसमान से बरसे ओले, 20 मिनट में किसानों का सब कुछ हो गया तबाह

डिजिटल डेस्क, छतरपुर/गौरिहार। यहां पिछली रात आसमान से बरसे सफेद पत्थरों ने सिर्फ 20 मिनिट में किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फेर दिया। केन नदी के दर्जन भर तटवर्तीय गांवों में हुई ओलावृष्टि से रबी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। पिछले तीन वर्षों से सूखा की मार झेल रहे किसान इस वर्ष अच्छी फसल देखकर काफी प्रसन्न थे, किंतु उनकी खुशियों पर ग्रहण लग गया।

रात 8 बजे अचानक आसमान पर बादल घिरे, देखते ही देखते आंधी, बारिश और फिर हुई ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत को चौपट कर दिया। इस साल रबी की फसल शानदार थी। मसूर पककर तैयार हो चुका था। सरसों भी पकने की कगार पर थी। चना, मटर में फूल आ चुका था लेकिन 20 मिनट की तबाही ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। पहरा, परेई्र मनवारा, रावपुर के खेतों में खड़ी रबी की फसल करीब-करीब नष्ट हो चुकी है।

तेज हवा के साथ हुई ओलावृष्टि
जनपद पंचायत गौरिहार के करीब एक दर्जन गांवों में ओलावृष्टि हुई, इनमें से करीब आधा दर्जन गांवों की रबी फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। इनमें से पहरा, परेई, मनवारा और रावपुर में फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। यहां आंधी और बारिश के साथ ही करीब 50 ग्राम से लेकर 100 ग्राम तक के ओला गिरने लगे। किसानों ने बताया कि यह ओलावृष्टि करीब 20 मिनट तक हुई इस दौरान फसल के साथ ही बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हो गई।

फसलों को हुआ नुकसान
पहरा गांव के किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि के कारण फूल झड़ गए हैं इस कारण से अब उत्पादन न के बराबर होगा। वहीं गेहूं की फसल भी गिर गई है। पिछले तीन साल से सूखा की मार झेल रहे किसान गुरुवार की ओलावृष्टि के कारण बुरी तरह से मायूस हो गए हैं। खेतों में खड़ी रबी की फसल करीब-करीब नष्ट हो चुकी है।

 

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