दुष्कर्म के बाद मासूम बेटी की हत्या करने वाले की फांसी की सजा हाईकोर्ट ने उम्र कैद में बदली

दुष्कर्म के बाद मासूम बेटी की हत्या करने वाले की फांसी की सजा हाईकोर्ट ने उम्र कैद में बदली

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-22 08:26 GMT
दुष्कर्म के बाद मासूम बेटी की हत्या करने वाले की फांसी की सजा हाईकोर्ट ने उम्र कैद में बदली

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। दुष्कर्म के बाद 6 साल की मासूम बेटी की हत्या करने वाले कोहेफिजा भोपाल निवासी अफजल खान की फांसी की सजा हाईकोर्ट ने उम्र कैद में बदल दी है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अंजुली पालो की युगल पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि आरोपी को न्यूनतम 30 साल उम्र कैद की सजा भुगतना होगी। युगल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गए विरल से विरलतम मामले की श्रेणी में नहीं आता है। आरोपी में सुधार की संभावना को देखते हुए आरोपी की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदला जा रहा है। 

पंखे से लटका मिल था शव
अभियोजन के अनुसार भोपाल के कोहेफिजा थाना क्षेत्र के बरेला गांव में 15 मार्च 2017 को एक 6 वर्षीय मासूम बालिका का शव पंखे से लटकता हुआ मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि मासूम की हत्या के पहले उसके साथ दुष्कर्म भी हुआ था। इसके आधार पर बालिका का डीएनए टेस्ट कराया गया। जांच में पता चला कि आरोपी अफजल खान ने ही दुष्कर्म के बाद 6 साल की मासूम बेटी की हत्या की है। इसके बाद शव को पंखे से लटकाकर घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की।

जांच में पता चला कि आरोपी अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह करता था। उसे शक था कि 6 साल की बेटी उसकी नहीं है। इसकी वजह से उसने दुष्कर्म के बाद बेटी की हत्या कर दी। भोपाल स्थित पॉक्सो एक्ट की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 22 दिसंबर 2018 को आरोपी अफजल खान धारा 302, 376 और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में फांसी की सजा सुनाई थी। निचली अदालत ने फांसी की सजा की पुष्टि के लिए फैसले को हाईकोर्ट को भेजा। वहीं दूसरी तरफ आरोपी की ओर से भी फांसी की सजा के खिलाफ अपील की गई। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने आरोपी की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया। राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता सोम मिश्रा ने पक्ष रखा।
 

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