हाईकोर्ट ने पन्ना एसपी को जमकर लगाई फटकार और पूछा - सिविल जज के बंगले पर क्यों की तालाबंदी

हाईकोर्ट ने पन्ना एसपी को जमकर लगाई फटकार और पूछा - सिविल जज के बंगले पर क्यों की तालाबंदी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-04 14:18 GMT
हाईकोर्ट ने पन्ना एसपी को जमकर लगाई फटकार और पूछा - सिविल जज के बंगले पर क्यों की तालाबंदी

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने पन्ना एसपी रियाज इकबाल को जमकर फटकार लगाते हुए पूछा है कि अजयगढ़ के सिविल जज मनोज सोनी के बंगले पर तालाबंदी क्यों की गई। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय शुक्ला की बेंच ने पन्ना एसपी को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को नियत है, सुनवाई के दौरान एसपी को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है।

पन्ना जिले के अजयगढ़ में सिविल जज के पद पर पदस्थ मनोज सोनी की ओर से दायर याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ एक युवती की शिकायत पर दुष्कर्म और दहेज प्रताड़ना का प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मामले में पन्ना की सत्र न्यायालय उन्हें अग्रिम जमानत दे चुकी है। याचिका में कहा गया है कि श्री सोनी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर 30 जून तक अवकाश पर गए थे। इसके बाद भी पन्ना पुलिस ने उनके बंगले में ताला लगा दिया है। इस मामले में गंभीरता से लेते हुए चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने तत्काल बंगले का ताला खोलने का आदेश देते हुए 4 जुलाई को पन्ना एसपी को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था।

बुधवार को पन्ना एसपी रियाज इकबाल बेंच के समक्ष उपस्थित हुए। शपथ-पत्र पेश कर एसपी ने बेंच को बताया कि उन्होंने सिविल जज मनोज सोनी के खिलाफ विधि अनुसार ही FIR की गई थी। उन्हें थाने में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था, लेकिन वे घर पर नहीं मिले। इसके बाद उनके बंगले में तालाबंदी की गई। इसके लिए एसपी ने कोर्ट से क्षमायाचना भी की है।

बेंच ने एसपी से पूछा कि दिल्ली ज्यूडिशियली ऑफिसर्स एसोसिएशन मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन है कि किसी न्यायिक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले हाईकोर्ट की अनुमति जरूरी है। उन्हें एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ना चाहिए। सुनवाई के बाद बेंच ने एसपी से पूछा है कि सिविल जज के बंगले में तालाबंदी क्यों की गई। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को नियत की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और ब्रजेश दुबे पैरवी कर रहे है।

 

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