हाईकोर्ट ने कहा- बुजुर्ग दंपति के घर से बेटे-बहू को बाहर करो

हाईकोर्ट ने कहा- बुजुर्ग दंपति के घर से बेटे-बहू को बाहर करो

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-15 12:30 GMT
हाईकोर्ट ने कहा- बुजुर्ग दंपति के घर से बेटे-बहू को बाहर करो

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य शासन को आदेशित किया है कि इंदिरा नगर सुहागी निवासी बुजुर्ग दंपति के घर से उनके बेटे-बहू को बाहर किया जाए। जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने बुजुर्ग दंपति को दो हजार रुपए प्रतिमाह की दर से भरण-पोषण की राशि दिलाने का भी आदेश दिया है। एकल पीठ ने एसडीएम और कलेक्टर के आदेश को सही ठहराते हुए बेटे-बहू की याचिका खारिज कर दी है।

चार साल पहले निकाल दिया था घर से
इंदिरा नगर सुहागी निवासी 80 वर्षीय ओमकार प्रसाद रैकवार और 75 वर्षीय रमा बाई को 25 मई 2014 को उनके बेटे संतोष रैकवार और बहू रजनी रैकवार ने घर से निकाल दिया। इसके बाद उनके मकान पर कब्जा कर लिया। बुजुर्ग दंपति ने जनसुनवाई में कलेक्टर को आवेदन दिया। कलेक्टर ने आवेदन एसडीएम जबलपुर के पास सुनवाई के लिए भेज दिया। 15 अप्रैल 2015 को एसडीएम जबलपुर ने आदेश पारित किया कि बेटे-बहू मकान खाली करें और बुजुर्ग दंपति को दो हजार रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण दें। आदेश के खिलाफ कलेक्टर के पास अपील की गई। कलेक्टर ने आदेश को यथावत रखा। एसडीएम और कलेक्टर के आदेश के खिलाफ बेटे-बहू ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 31 मई 2016 को आदेशित किया कि बेटे-बहू 15 दिन के भीतर भरण की राशि प्रदान करें और इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में जमा करें। तब तक आदेश के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी। बुजुर्ग दंपति की ओर अधिवक्ता शिव कुमार कश्यप ने एकल पीठ को बताया कि बेटे-बहू ने एकल पीठ के आदेश के अनुसार अभी तक बुजुर्ग दंपति को भरण-पोषण की राशि नहीं दी है। अपने ही घर से निकाल दिए जाने के कारण बुजुर्ग दंपति पिछले साढ़े चार से दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने राज्य शासन को आदेशित किया कि बुजुर्ग दंपति के घर से बेटे-बहू को बाहर किया जाए। इसके साथ ही बुजुर्ग दंपति को भरण-पोषण की राशि दिलाने का भी आदेश दिया है।

 

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