11 साल तक बुजुर्ग रही पेंशन से वंचित, बांबे हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारा

11 साल तक बुजुर्ग रही पेंशन से वंचित, बांबे हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारा

Tejinder Singh
Update: 2019-01-01 13:44 GMT
11 साल तक बुजुर्ग रही पेंशन से वंचित, बांबे हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अस्सी वर्षीय बुजुर्ग विधवा महिला को 11 साल से पेंशन से वंचित किए जाने के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि बुजुर्ग महिला के पेंशन को लेकर सरकार की बेरुखी उसके खराब कामकाज को दर्शाती है। 

जस्टिस अभय ओक व जस्टिस संदीप शिंदे की बेंच ने यह टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार को बुजुर्ग महिला की 17 मई 2007 से बकाया सारी पेंशन 6 सप्ताह के भीतर प्रदान करने का निर्देश दिया। बेंच ने कहा कि यदि 6 सप्ताह में पेंशन की रकम का भुगतान नहीं किया गया तो सरकार को पेंशन की सारी रकम सात प्रतिशत ब्याज के साथ देनी पड़ेगी। बेंच ने इस मामले में सरकार पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

बुजुर्ग महिला के पति तलाठी पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इससे पहले उन्होंने दो विवाह किए थे। सेवानिवृत्त के बाद उन्होंने पेंशन लाभ के लिए अपनी दोनों पत्नी का नाम अपने सर्विस रिकार्ड में दर्ज कराया था। अप्रैल 2002 में दूसरी पत्नी की मौत हो गई, जबकि 2007 में बुजुर्ग महिला के पति का निधन हो गया। इसके बाद बुजुर्ग महिला की 2882 रुपए की मासिक पेंशन रोक दी गई। बार-बार आग्रह के बाद भी जब पेंशन का भुगतान नहीं किया गया तो महिला ने साल 2016 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

याचिका में उल्लेखित तथ्यों व महिला की उम्र को देखते हुए बेंच ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई शुरु की। सुनवाई के दौरान बेंच ने पाया कि कानूनी रुप से बुजुर्ग महिला पेंशन पाने के लिए हकदार है। महिला को 11 साल से पेंशन से वंचित किया जाना सरकार के खराब कामकाज को दर्शाता है। यह कहते हुए बेंच ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही सरकार को 6 सप्ताह के भीतर पूरी बकाया पेंशन का भुगतान करने का निर्देश दिया। 
 

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