वो आर्ट डायरेक्टर जिसका फिल्म जगत भी है दीवाना, जानिए कौन है वो ?

वो आर्ट डायरेक्टर जिसका फिल्म जगत भी है दीवाना, जानिए कौन है वो ?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-14 06:38 GMT
वो आर्ट डायरेक्टर जिसका फिल्म जगत भी है दीवाना, जानिए कौन है वो ?

डिजिटल डेस्क,सेलू(वर्धा)। मौजूदा समय में शिल्पकला हाशिए पर आ गई है। इसी कला को बचाने के लिए स्पेशल इम्पेक्ट आर्ट डायरेक्टर चंद्रकांत कोशिश कर रहे हैं। कई फिल्मों और नामचीन हस्तियों के घरों में उनकी शिल्पकला के नमूने मौजूद हैं। फिल्म इंडस्ट्री में चंद्रकांत का नाम स्पेशल इंपैक्ट आर्ट डॉयरेक्टर के तौर पर दर्ज है। चंद्रकांत झाड़े ने शिल्पकला के अलावा कचरे से भी आकर्षक प्रतिकृतियां एवं वस्तुएं तैयार की हैं।

गौरतलब है कि मूल गांव वर्धा जिले के सेलू तहसील स्थित रेहकी के रहने वाले चंद्रकांत झाड़े सालों से इस कला को पुनर्जीवित करने और बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वो शिल्पकला का कारखाना रेहकी ले आए और यहां उसे शुरू किया। चंद्रकांत झाड़े को बचपन से ही शिल्पकला में दिलचस्पी थी। स्कूल समय में ही चंद्रकांत ने शिक्षकों की मदद से  शिल्पकला की शुरूआत की थी। 1956 में दीपचंद चौधरी विद्यालय के प्रथम विद्यार्थी का सम्मान पाने वाले चंद्रकांत झाडे़ ग्राम रहकी से सेलू तक स्कूल पैदल जाते थे। इस दौरान सड़क पर मिलने वाली गीली मिट्टी से चीजें बनाने में उनकी दिलचस्पी बढ़ गई।

कैसे बढ़ी रुचि ?
साल 1956 में गीली मिट्टी से झाड़े ने गणपति की मूर्ति बनाई ,लेकिन माता-पिता के डर से उन्होंने अपनी यह मूर्ति वहीं झाड़ियों में छिपा दी। मूर्ति सूखने के बाद पत्तियों से बनाए प्राकृतिक रंग से उन्होंने मूर्ति को रंगा। इस मूर्ति को रेहकी स्थित गोपीनाबाई देवस्थान में रखा गया। उस वक्त तत्कालीन जि.प. शिक्षक कृष्णराव सावरकर ने इस मूर्ति की तारीफ कर देवस्थान में स्थापित किया। इसी तरह से उनकी शिल्पकला, मूर्ति कला को समाज से काफी प्रोत्साहन मिलने लगा। इसके बाद उन्हें खामगांव जाकर शिक्षा लेने का मौका मिला ,लेकिन वहां पर उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। 

इस संघर्ष के बीच ही चंद्रकांत को फिल्म जगत में जाने का मौका मिला। किसी तरह की ट्रेनिंग न लेते हुए चंद्रकांत एक महान शिल्पकार के तौर पर उभरे। एक फिल्म के शिल्पकार के अनुपस्थित रहने पर चंद्रकांत को मौका मिला। उस समय की काफी मशहूर फिल्म "गुमनाम" में उन्होंने किसान का स्टेच्यू तैयार किया और यहीं से उनका फिल्मी सफर शुरू हुआ। बाद में आर्टिस्ट बांधेकर के सहयोग से झाड़े को शिल्पकला का कारखाना शुरू करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कारखाने में विभिन्न प्रतिमाएं और पुतले बनाने का काम शुरू कर दिया। 

फिल्मस्टार मानते हैं गुरु
चंद्रकांत की कला को फिल्म जगत में काफी सराहा गया। चंद्रकांत को अनेक फिल्म स्टार अपना गुरु मानते हैं। इनमें  मनोज कुमार, वीरू देवगन, देवानंद, रवि खन्ना, सुनील दत्त, अजय देवगन, गोविंदा तथा प्रोड्यूसर चंद्रकांत शामिल हैं। वर्धा जिले के सुरगांव स्थित संत नगाजी महाराज, सेलू के दमडू देवतारे, तुकाराम देवताले, वर्धा के मशहूर  फोटोग्राफर पलसापुरे की प्रतिमा और फेमस फिल्म एक्टर सुनील दत्त के घर में घोड़े के पुतले का निर्माण भी उन्होंने ही किया था। 

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