बाघ, तेंदुए, भालू सहित वन्य जीवों को ठंड से बचाने महाराजबाग में लगाए हीटर

बाघ, तेंदुए, भालू सहित वन्य जीवों को ठंड से बचाने महाराजबाग में लगाए हीटर

Tejinder Singh
Update: 2018-11-19 16:55 GMT
बाघ, तेंदुए, भालू सहित वन्य जीवों को ठंड से बचाने महाराजबाग में लगाए हीटर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ठंड की शुरूआत हो गई है। शाम होते ही ठंड अपना असर दिखाने लगी है। ऐसे में सोमवार से महाराजबाग में बाघ, तेंदूए और अन्य प्राणियों के लिए हीटर लगाए हैं। यह हीटर कड़ाके की ठंड में वन्यजीवों को गर्मी का अहसास दिलाएंगे। पूरे चिडि़याघर में कुल 8 हीटर लगाए गए हैं, जो बाघ, तेंदुए और पक्षियों के पिंजरे में लगे हैं। महाराजबाग ज्यू शहवासियों के लिए आकर्षण का खास केन्द्र है। रोजाना यहां सैलानियों की भीड़ लगी रहती है। जिसका मुख्य कारण यहां रखे वन्यजीव है। जिन्हें देखने दूर-दूर से सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। 

महाराजबाग में एक बाघिन, 6 तेंदुए, 1 भालू, एक दर्जन से ज्यादा हिरण, 2 मगर, सांबर, नीलगाय, लोमडी और पक्षियों में तोते, लवबर्ड आदि दर्जनों नस्ल के पक्षी शामिल हैं। प्रशासन की ओर से वन्यजीवों को भले ही पिंजरे में रखा जाता है। लेकिन उनके खान-पान से लेकर सब चीजों का खास ध्यान रखते हैं। नवंबर की शुरूआत से सुबह और शाम को ठंड का अहसास होने लगा था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से शाम होते ही ठंड ज्यादा लगने लगी है। ऐसे में खुले पिंजरे में बाघिन, तेंदुआ और पक्षियों को ज्यादा ठंड ना लगे और इसका उनकी सेहत पर बुरा असर न पड़े, इस उद्देश्य से हीटर लगाए जाते हैं। 

हीटर नवंबर के आखिर तक ज्यादा उपयोगी नहीं रहते हैं। लेकिन दिसंबर और जनवरी की शुरूआत में कड़ाके की ठंड पड़ती है। ऐसे में इनका उपयोग वन्यजीवों के लिए अहम होता है। यही नहीं पिंजरे में कुछ हिस्सा कमरे की तरह होता है। जहां चार दीवारी और फर्श होता है। ठंड में फर्श काफी ठंडी रहती है। जिस पर वन्यजीवों का बैठना भी मुश्किल होता है। ऐसे में यहां सूखी पत्तियां बिछाई गई हैं। ताकि वन्यजीवों को ठंड से राहत मिले।

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