हाईकोर्ट ने कहा - कोरोना संकट में किसी को नहीं करेंगे बेघर, नदी किनारे अतिक्रमण हटाने की अनुमति नहीं
हाईकोर्ट ने कहा - कोरोना संकट में किसी को नहीं करेंगे बेघर, नदी किनारे अतिक्रमण हटाने की अनुमति नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि हम कोरोना के प्रकोप के बीच किसी को भी बेघर नहीं करना चाहते है। बुधवार को हाईकोर्ट ने यह बात कहते हुए पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका को नदी के किनारे से अतिक्रमण हटाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। महानगरपालिका ने इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली चार सदस्यीय पीठ के सामने आवेदन किया था। आवेदन में दावा किया गया था कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने नदी के किनारे किए गए अतिक्रमण को हटाने के संबंध में निर्देश दिया है। जिसे हम लागू करना चाहते हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि मौजूदा समय में अतिक्रमण हटाने की अनुमति देना लोगों को घर से बेघर करने जैसा होगा। इसलिए हम फिलहाल अतिक्रमण हटाने की अनुमति नहीं दे सकते है।
सभी अंतरिम आदेश 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़े
इस बीच बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक अन्य आदेश के तहत सभी अंतरिम आदेश को 31 अक्टूबर 2020 तक के लिए बढ़ा दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य में कोरोना के चलते विकट स्थिति बनी हुई है। जिसके चलते अदालते पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पा रही है। इसलिए सभी अंतरिम आदेश 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ाए जाते हैं। यह आदेश हाईकोर्ट की औरंगाबाद, नागपुर व गोवा खंडपीठ पर भी लागू होगा।