अति संवेदनशील डिप्लेरिंग एरिया में आबाद हो रही बस्ती, नपा दे रही बढ़ावा

अति संवेदनशील डिप्लेरिंग एरिया में आबाद हो रही बस्ती, नपा दे रही बढ़ावा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-09 11:32 GMT
अति संवेदनशील डिप्लेरिंग एरिया में आबाद हो रही बस्ती, नपा दे रही बढ़ावा

डिजिटल डेस्क, अनूपपुर। नगरपालिका बिजुरी अंतर्गत वार्ड क्रमांक 12 के पास कालरी का डिप्लेरिंग एरिया अति संवेदनशील क्षेत्र है और यहां दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। कालरी प्रबंधन ने स्वयं इसे खतरनाक क्षेत्र मानते हुए यहां पर लोगों के बसने एवं आने जाने के लिए प्रतिबंधात्मक सूचना पटल लगा रखा है। बावजूद इसके उक्त लगभग 20 एकड़ क्षेत्र पर लोगों की बसाहट जारी है। प्रतिदिन यहां लोग कालरी की भूमि पर अवैध कब्जा कर घर निर्माण कर रहे हैं।

कुछ वर्षों पहले तक यहां पर एक भी मकान नहीं था, लेकिन वर्तमान समय में 150 से ज्यादा घरों का निर्माण यहां हो चुका है। वहीं नगर पालिका भी इसके लिए जिम्मेदार है जो कि इस अवैध बस्ती में बिजली, पानी व सड़क की सुविधाएं दे रही है। नगरपालिका के वार्ड क्रमांक 12 में स्थित यह बस्ती बिजुरी उप क्षेत्र के डिप्लेरिंग एरिया में बसी हुई है। कालरी द्वारा इस क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर कई बार मकान निर्माण  के समय रोक लगाने के प्रयास भी किए गए पर अतिक्रमणकर्ता बाज नहीं आए।

नपा ने दी सुविधाएं
इस बस्ती में प्रवेश एवं निवास को लेकर जहां कालरी प्रबंधन ने सूचना पटल लगा रखा है वहीं  नगरपालिका इसके विपरीत डिप्लेरिंग भूमि पर बने इस अवैध बस्ती में सुविधाएं देने में जुटा हुआ है। बिजली और सड़क जैसी सुविधाएं दिए जाने के बाद से तेजी से यहां अतिक्रमण कर मकान का निर्माण अवैध रूप से कराया जा रहा है । 

नपा अधिकारी यहां पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटाते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों में भेजने के बजाय सुविधाए मुहैय्या करा रहे है।

सूचना पटल तक सीमित जिम्मेदारी  
कालरी प्रबंधन की लापरवाही बिजुरी उपक्षेत्र द्वारा उक्त भूमि का अधिग्रहण कालरी विस्तार के लिए किया गया था। जहां डिप्लेरिंग कर कोयले को जमीन की सतह से निकालने के बाद इस क्षेत्र को कालरी प्रबंधन ने संवेदनशील मानते हुए खतरनाक व  प्रतिबंधित क्षेत्र तो घोषित कर दिया था, लेकिन इस क्षेत्र की सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। नतीजतन नगरीय क्षेत्र में कीमती जमीन खरीदने से अच्छा अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों ने उक्त भूमियों पर अवैध रूप से कब्जा कर घर बनाकर रहना प्रारंभ कर दिया और वर्तमान में यहां लगभग 600 की आबादी निवासरत है ।

 

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