बिना अनुमति वनक्षेत्र में हो रहा था अवैध उत्खनन, जब्त की 5 जेसीबी

लांजी के वनक्षेत्र में फाइबर लाइन बिछाने किया जा रहा था उत्खनन, सूचना पर वन विभाग ने की कार्रवाई बिना अनुमति वनक्षेत्र में हो रहा था अवैध उत्खनन, जब्त की 5 जेसीबी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-03 12:37 GMT
बिना अनुमति वनक्षेत्र में हो रहा था अवैध उत्खनन, जब्त की 5 जेसीबी


डिजिटल डेस्क बालाघाट।  नक्सल प्रभावित व संवेदनशील परिक्षेत्र पूर्व लांजी (सामान्य) के चौरिया वृत्त के बकरकट्टा, जैतपुरी और बिलालकसा में एक मोबाइल कंपनी द्वारा वन विभाग की बिना अनुमति के अवैध रूप से वनक्षेत्र में ऑप्टिकल फाइबर लाइन बिछाने के लिए अवैध उत्खनन का मामला सामने आया है। उडऩदस्ता वनवृत्त को सूचना मिलने पर मुख्य वन संरक्षक नरेंद्र कुमार सनोडिया के आदेश पर वन अमले द्वारा मौका स्थल पर पहुंचकर 5 जेसीबी मशीन जब्त की गई। (क्रमांक- एमएच35एजी7473, एमपी50डीए0430, एमपी50डीए0894, एमपी50डीए0927 और एमपी50डीए0624)) जानकारी के अनुसार, वन अमले के उत्खनन स्थल पर पहुंचते ही अफरा-तरफा का माहौल बन गया और जेसीबी चालक वाहन छोड़कर भाग निकले। जिन्हें जब्त कर वन परिक्षेत्र अधिकारी पूर्व लांजी (सामान्य) को सूचित कर मौका पंचनामा बनाकर जब्त जेसीबी मशीन को सुपुर्द कर विधिवत कार्रवाई की गई। प्रकरण के संबंध में वनमंडल अधिकारी दक्षिण सामान्य वनमंडल बालाघाट को जानकारी दे दी गई है। प्रकरण में विवेचना जारी है और वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर कार्रवाई की जा रही है। उक्त कार्रवाई में शिशुपाल गणवीर वनपाल, नरेंद्र कुमार शेंडे, विजयभान नागेश्वर, तिलक सिंह राहंगडाले, सौरभ यादव, दिलीप पालेवार वनरक्षक, सुखलाल मड़ावी, संजय मरकाम एवं शंभू यादव मौजूद रहे।
जेसीबी ने खराब किए कच्चे रास्ते
मशीन ने वनांचल में बसे गांवों के कच्चे मार्गों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे ग्रामीणों में व्यापक आक्रोश है। प्राप्त जानकारी अनुसार, उक्त कार्य ठेकेदार वेद पटेल, छिंदवाड़ा द्वारा करवाया जा रहा है। लोगों से जेसीबी मशीन का उपयोग यह कहते हुए किया जा रहा है कि उन्हें विभाग से अनुमति प्राप्त हो गई है, जबकि वनमंडल स्तर पर उक्त उत्खनन कार्य के लिए कोई आवेदन आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ है।
इनका कहना है
अवैध उत्खनन मामले में अमले द्वारा जब्ती की कार्रवाई की गई है। इस संबंध में विभाग को विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
नरेंद्र कुमार सनोडिया, मुख्य वन संरक्षक

 

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