पांच साल की बच्ची के साथ रेप के आरोपी की सजा हाईकोर्ट ने रखी बरकार

पांच साल की बच्ची के साथ रेप के आरोपी की सजा हाईकोर्ट ने रखी बरकार

Tejinder Singh
Update: 2018-12-25 13:02 GMT
पांच साल की बच्ची के साथ रेप के आरोपी की सजा हाईकोर्ट ने रखी बरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए गए जीशान सिद्दीकी की दस साल के कारावास व 40 हजार रुपए के जुर्माने की सजा को बरकरार रखा है। मुंबई की पास्को कोर्ट ने सिद्दीकी को 17 मार्च 2016 को पास्को कानून के तहत यह सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अपील की थी। जिसे हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। 

जस्टिस ए एम बदर के सामने सिद्दीकी की अपील पर सुनवाई हुई। अपील में सिद्दीकी ने दावा किया था कि पीड़ित बच्ची के माता-पिता मेरा घर खरीदना चाहते थे, लेकिन मेरे घरवालों ने उन्हें अपना घर नहीं बेचा इसलिए मुझे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। वहीं सिद्दीकी के वकील ने कहा कि पांच साल की बच्ची को सिखाया पढ़या भी जा सकता है, इसलिए उसकी गावही पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने मामले से जुड़े गवाहों व मेडिकल रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए।

इस पर ऐतराज व्यक्त करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपी ने 2 मार्च 2013 को नाबालिग बच्ची के साथ इमारत की तीसरी मंजिल पर दुष्कर्म किया था। पीड़ित बच्ची ने अपने माता-पिता को आरोपी के करतूत की जानकारी दी थी। इसके बाद लड़की के माता-पिता ने सायन अस्पताल में बच्ची कि जांच कराई। इसके बाद चेंबूर के आरसीएफ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। अभियोजन पक्ष ने मामले को लेकर पास्को कोर्ट में आठ गवाह पेश किए। जिनके बयान व सबूतों पर गौर करने के बाद पास्को कोर्ट ने सिद्दीकी को दस साल के कारावास की सजा सुनाई थी।

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने संदेह से परे जाकर आरोपी पर लगे आरोपों को साबित किया है, इसलिए उसकी सजा को यथावत रखा जाता है और अपील को खारिज किया जाता है। 

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