पुणे में एक करोड़ की घूस लेते धराया अधिकारी, पिछले साल कामों के लिए महाराष्ट्र में 15 प्रतिशत लोगों को देनी पड़ी रिश्वत

पुणे में एक करोड़ की घूस लेते धराया अधिकारी, पिछले साल कामों के लिए महाराष्ट्र में 15 प्रतिशत लोगों को देनी पड़ी रिश्वत

Tejinder Singh
Update: 2018-12-30 10:20 GMT
पुणे में एक करोड़ की घूस लेते धराया अधिकारी, पिछले साल कामों के लिए महाराष्ट्र में 15 प्रतिशत लोगों को देनी पड़ी रिश्वत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार भले ही सिस्टम को पारदर्शी बनाए जाने का दावा करती हो, लेकिन हकीकत में इस दिशा में सरकार के प्रयास नाकाफी दिखाई दे रहे हैं। प्रदेश में पिछले 12 महीनों में अपने साधारण काम के लिए 15 प्रतिशत लोगों को सरकारी दफतरों में रिश्वत देनी पड़ी है। इन लोगों को अपने काम के लिए किसी की सिफारिश या बिचौलिए की भी सेवाएं लेनी पड़ी। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) की इंडिया करप्शन स्टडी-2018 के रिपोर्ट के मुताबिक सिटीजन एक्टिविज्म (अपने अधिकारों के प्रति नागरिक सक्रियता) ज्यादा होने के कारण राज्य में सरकारी सेवाओं में भ्रष्टाचार का स्तर कम है। वहीं मध्यप्रदेश में सिटीजन एक्टिविज्म की स्थिति देश में सबसे दयनीय है।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के लोगों की धारणा है कि धारणा है कि 2018 में केन्द्र सरकार के महकमों में 31 प्रतिशत भ्रष्टाचार कम हुआ है। वहीं राज्य के सरकारी दफ्तरों में केवल 16 प्रतिशत ही भ्रष्टाचार में गिरावट आईं है। जबकि 58 फीसदी लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार में कमी आईं है, लेकिन अभी यह नाकाफी है। 16 प्रतिशत लोग मानते है कि भ्रष्टाचार घटा है, लेकिन 21 फीसदी ऐसा नहीं मानते।

भ्रष्टाचार से लड़ने की राज्य के लोगों की स्थिति
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में भले ही लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग है, लेकिन केवल 4 प्रतिशत लोग ही पत्र लिखकर शिकायत करते हैं। 9 प्रतिशत फोन पर, 10 प्रतिशत ई-मेल से और 14 प्रतिशत लोग मौखिक रुप से ,16 प्रतिशत ऑनलाइन शिकायत करते हैं और भ्रष्टाचार का दंश झेलने वाले 14 प्रतिशत ही इसके खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों में भाग लेते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ नागरिक सक्रियता के मामले में प्रदेश के 34 फीसदी लोगों ने ही आरटीआई एक्ट के बारे में सुना है। 0.9 प्रतिशत लोग ही आरटीआई के जरिए सूचना ले पाते हैं। सीएमएस द्वारा 13 राज्यों में भ्रष्टाचार पर किए गए अध्ययन में 75 फीसदी जनता ने यह माना है कि राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ा है। इस संबंध में राज्यसभा में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन राज्यमंत्री डॉ राजेन्द्र सिंह ने हालांकि यह बात मानी है, लेकिन उन्होने इस अध्ययन से केन्द्र सरकार को अलग करते हुए कहा कि यह मामले राज्य सरकारों से संबंधित है।

1 करोड़ की घूस लेते मुलशी का तहसीलदार गिरफ्तार
उधर पुणें में जमीन प्रकरण को लेकर शिकायतकर्ता से 1 करोड़ रूपए की रिश्वत लेते हुए मुलशी तहसील के तहसीलदार सचिन डोंगरे को एन्टी करप्शन ब्यूरो ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई शनिवार को लवासा रोड पर की गई। मिली जानकारी के अनुसार डोंगरे ने जमीन प्रकरण को लेकर रिश्वत मांगी थी। शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से की गई थी। शिकायत के अनुसार पुलिस ने जाल बिछाया और डोंगरे को शिकायतकर्ता से करोड़ रूपए की राशि स्वीकारते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया। एसीबी पुलिस अधीक्षक संदिप दिवाण, पुलिस उप अधीक्षक सुहास नाड़गौडा के मार्गदर्शन में उक्त कार्रवाई की गई।  
 

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