रीवा में कोरोना पीडि़त समझ अस्पताल से बिना इलाज लौटाते रहे बिलासपुर में उसका टेस्ट निगेटिव आया

रीवा में कोरोना पीडि़त समझ अस्पताल से बिना इलाज लौटाते रहे बिलासपुर में उसका टेस्ट निगेटिव आया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-15 08:37 GMT
रीवा में कोरोना पीडि़त समझ अस्पताल से बिना इलाज लौटाते रहे बिलासपुर में उसका टेस्ट निगेटिव आया

फेफड़ों में संक्रमण की है परेशानी, रीवा में दो बार पहले भी निगेटिव आ चुकी थी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
रीवा से आए फेफड़े में संक्रमण से पीडि़त मरीज को शहर के बड़े निजी अस्पतालों ने कोरोना पीडि़त समझ कर इलाज नहीं किया, बिलासपुर में उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। शहर के कई अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने के कारण पीडि़त को बिलासपुर जाना पड़ा था। इस मामले पर मरीज की पत्नी द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा जाहिर की गई थी। रीवा मेडिकल कॉलेज में हुए दो टेस्ट में भी रिपोर्ट निगेटिव आई थी, वहाँ के डिस्चार्ज पेपर में इसका उल्लेख भी है। शहर  के मेट्रो हॉस्पिटल में फीवर क्लीनिक से ही उसे मेडिकल जाकर कोरोना की जाँच कराने कहा गया, वहीं लाइफ मेडिसिटी हॉस्पिटल में उसे दो घंटे रखा गया, एक्स-रे में फेफड़ों के संक्रमण को देखते हुए मरीज को कोरोना पीडि़त मानकर उपचार देने की बजाय मेडिकल जाने कहा गया।
मेडिसिटी ने कहा- नहीं लिए पैसे
लाइफ मेडिसिटी अस्पताल के संचालक डॉ. मुकेश श्रीवास्तव का कहना है कि उक्त मरीज 11 जून की  रात में 2.30 बजे आए थे, उनकी हालत नाजुक थी। साँस की तकलीफ होनेे पर उन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन ट्रीटमेंट के साथ दवाएँ-इंजेक्शन दिए गए, साथ ही एक्स-रे कराया गया। मरीज को भर्ती करने के दौरान 10 हजार रुपए डिपॉजिट कराए गए थे। एक्स-रे रिपोर्ट के बाद उनके कोरोना संक्रमित होने की ज्यादा संभावनाएँ दिखीं, जिससे उन्हें मेडिकल रेफर कर दिया गया। मरीज से िसर्फ एक्स-रे का पैसा लिया गया, डिपॉजिट कराए गए 10 हजार रुपए उन्हें वापस कर दिए गए थे। उनका कहना था कि मरीज की हालत गंभीर थी, यदि वे उसे नॉर्मल कर नहीं भेजते तो वह बिलासपुर तक कैसे जा सकता था? दूसरी ओर मरीज की पत्नी पूजा पांडे का कहना था कि उन्हें 10 हजार रुपए बेड, 10 हजार ट्रीटमेंट, 1 हजार रुपए एक्स-रे तथा 4900 रुपए दवा का बिल दिया गया, बाद में कुछ राशि डिस्काउंट की गई।
दोनों अस्पतालों को दिया गया शोकॉज नोटिस
रीवा से आए मरीज को उपचार नहीं देने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुररिया ने लाइफ मेडिसिटी और मेट्रो अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिनों में जवाब देने कहा है। नोटिस में कहा गया है कि रीवा का यह मरीज 11 जून को इलाज कराने आया था, परिजनों द्वारा यह बताए जाने के बावजूद कि रीवा में कोविड टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है, उसका इलाज शुरू नहीं किया गया और पुन: कोविड टेस्ट कराकर आने की बात कही गई। इससे मरीज के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आती रही। जबकि प्रोटोकाल के मुताबिक उन्हें इस मरीज का उपचार किया जाना था और इसकी सूचना जिला स्तरीय कोविड कंट्रोल रूम को दी जानी थी।

 

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