PHD मामले में HC ने यूनिवर्सिटी को थमाया नोटिस, 9 अप्रैल तक मांगा जवाब

PHD मामले में HC ने यूनिवर्सिटी को थमाया नोटिस, 9 अप्रैल तक मांगा जवाब

Anita Peddulwar
Update: 2018-03-13 07:59 GMT
PHD मामले में HC ने यूनिवर्सिटी को थमाया नोटिस, 9 अप्रैल तक मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नागपुर यूनिवर्सिटी से पीएचडी की चाह रखने वाले 6 अभ्यर्थियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया है। यूनिवर्सिटी द्वारा अभ्यर्थियों के पीएचडी के आवेदन खारिज किए जाने से तृप्ति गोस्कुला सहित 6 ने यह याचिका दायर की है। जिस पर सोमवार को हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नागपुर यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर 9 अप्रैल तक जवाब मांगा है। 

वैकेंसी नहीं होने का हवाला देकर आवेदन किया खारिज
याचिकाकर्ता का दावा है कि रिसर्च सेंटर पर पर्याप्त वैकेंसी होने के बावजूद यूनिवर्सिटी ने वैकेंसी नहीं होने का हवाला देकर उनके आवेदन खारिज कर दिए और उन्हें पीएचडी नहीं करने दी। याचिकाकर्ता के अनुसार यूनिवर्सिटी की वर्ष 2011 की अधिसूचना के अनुसार वे पीएचडी करने के लिए पात्र थे। 5 अप्रैल 2016 को अभ्यर्थियों के आवेदन प्राप्त होने के बाद यूनिवर्सिटी ने उन्हें रिसर्च एंड रेकगनेशन (आरआरसी) कमेटी के समक्ष हाजिर होकर प्रेजेंटेशन देने को कहा। लेकिन 15 जून 2016 को यूनिवर्सिटी ने उन्हें कारण दिया कि वैकेंसी नहीं होने के कारण उनके आवेदन रद्द किए जा रहे हैं। इसके बाद अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी, जहां फैसला उनके पक्ष में आया था।

यूनिवर्सिटी के इस मुद्दे पर जताई है आपत्ति
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अभ्यर्थियों को उम्मीद थी कि अब वे पीएचडी रिसर्च शुरू कर सकते हैं। लेकिन नवंबर 2017 में विवि ने उन्हें सूचना दी कि वे फुल टाइम नहीं केवल पार्ट टाइम पीएचडी कर सकेंगे। साथ ही पीएचडी के सभी नियम 2011 की अधिसूचना नहीं बल्कि 2016 की नई अधिसूचना के मुताबिक होंगे। याचिकाकर्ता ने यूनिवर्सिटी के इस रवैये पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की है कि कोर्ट उनके पीएचडी रिसर्च शुरू करवाने के आदेश जारी करे। याचिकाकर्ता की ओर से एड. आनंद परचुरे ने पक्ष रखा।  बता दें कि यूनिवर्सिटी के कामकाज को लेकर इसके पूर्व भी याचिका दायर की गई है।

 

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