आयकरदाता और कम उम्र वाले गये यात्रा पर  - मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में धांधली

 आयकरदाता और कम उम्र वाले गये यात्रा पर  - मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में धांधली

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Update: 2019-09-19 08:39 GMT
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डिजिटल डेस्क सीधी। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में अबकि अपात्रों के तीर्थ यात्रा पर जाने की जानकारी मिली है। जनप्रतिनिधियों ने तो लगे हाथ योजना का लाभ लिया ही है साथ ही टैक्सपेयी, कम उम्र वाले भी तीर्थयात्रा पर निकल लिये हैं। लोगों के चयन में भारी गड़बड़ी की जानकारी सामने आ रही है किंतु जिम्मेदारानों को कोई खबर नहीं लग पाई है। 
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत 15 से 20 सितम्बर तक द्वारिकापुरी की यात्रा के लिये जिले से 175 लोगों को नामांकित किया गया है। इसके अलावा 13 को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। सरकारी खर्चे में तीर्थयात्रा पर गये लोगों में ऐसे नाम शामिल हैं जो नियम कायदे के दायरे में कहीं ेसे भी फिट नहीं बैठ रहे हैं। मसलन श्रीमती शकुंतला ङ्क्षसह परिहार जनपद पंचायत सीधी की अध्यक्ष हैं  और वह तीर्थयात्रा पर गई हुई हैं। भाजपा के नेताओं में शामिल धर्मेन्द्र सिंह परिहार जो संपन्न घरानों से ताल्लुक रखते हैं और सरकार को कर का भुगतान भी करते हैं वे भी जनपद अध्यक्ष पत्नी के साथ बतौर मुखिया तीर्थयात्रा कर रहे हैं। भाजपा के कुचवाही मण्डल अध्यक्ष उमाशंकर यादव यात्रा में सहायक के रूप में शामिल हैं किंतु उनकी उम्र 44 वर्ष ही लिखी गई है। जनपद अध्यक्ष के तीर्थयात्रा में शामिल होने की पात्रता में सबसे बड़ी कमी उनकी उम्र बता रही है। अपर कलेक्टर के हस्ताक्षर से तैयार की गई तीर्थयात्रियों की सूची में श्रीमती शकुंतला परिहार की उम्र 49 वर्ष लिखी हुई है। कायदे से 60 वर्ष की उम्र पार करने वाले ही सरकारी तीर्थयात्रा के हकदार हो सकते हैं। तीर्थयात्रियों में पड़ैनिया गांव की ही एक सुशीला सिंह परिहार भी हैं जिनकी उम्र 50 वर्ष दर्शायी गई है। यह स्वास्थ्य विभाग में एएनएम के पद पर पदस्थ हैें। जाहिर है सरकारी नौकरी के दौरान सरकार को टैक्स का भुगतान भी करती होंगी। तीर्थयात्रियों की सूची में पड़ैनिया ग्राम पंचायत के सरपंच विनोद परिहार बतौर सहायक शामिल किये गये हैं। कुछ तो ख्ुाद के नाम पर यात्रा में शामिल हुये हैं तो बहुत कुछ ऐसे भी हैं जो छद्य नाम से तीर्थयात्रा पर रवाना हुये हैं। अकेले पड़ैनिया गांव से दो दर्जन से अधिक तीर्थयात्री सरकारी खर्चे पर द्वारिकापुरी तीर्थयात्रा करने गये हुये हैं। 
छोटा भाई 62 का और बड़ा 61 का 
द्वारिकापुरी तीर्थयात्रियों में जितने भी तीर्थयात्री शामिल किये गये हेैं उनमें से कम ही लोग होंगे जिनकी वास्तविक उम्र दर्ज की गई है। रता-पता को गोपनीय रखने कालम में केवल गांव और पोस्ट लिखा गया है। सामने तहसील का नाम दर्ज है पर गांव कौन सा है सूची देखकर कोई भी नहीं बता सकता है। फिलहाल तीर्थयात्रियों के उम्र में भी काफी हेरफेर किया गया है। पड़ैनिया से तीर्थयात्रा पर बतौर मुखिया जाने वाले धर्मेन्द्र सिंह परिहार की उम्र 62 वर्ष दर्ज की गई है जबकि उनके बड़े भाई फणीन्द्र प्रताप की उम्र 61 वर्ष दर्ज की गई है। हालांकि सरकारी रिकार्ड के मुताबिक धर्मेन्द्र सिंह की उम्र अभी 60 के करीब ही नहीं पहुंच पाई है। उनकी वास्तविक जन्मतिथि 1967 बताई गई है। 
इनका कहना है-
मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन यात्रा की गाइडलाइन में कहीं भी यह उल्लेखित नहीं है कि जनप्रतिनिधि तीर्थयात्रा पर नही जा सकते हैं। यह जरूर है कि टैक्सपेयी और कम उम्र हैं तो यह गलत है। जनपद पंचायतों द्वारा  उम्र और मेडिकल का व्हेरीफिकेशन करने के बाद ही सूची उन तक भेजी जाती है। यदि गड़बड़ी हुई है तो जांच कराकर कार्रवाई की जायेगी। 
डीपी वर्मन अपर कलेक्टर सीधी। 

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