शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना एक चुनौती, नए उपक्रम लाएगी यूजीसी : प्रो. सिंह

शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना एक चुनौती, नए उपक्रम लाएगी यूजीसी : प्रो. सिंह

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-08 11:23 GMT
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना एक चुनौती, नए उपक्रम लाएगी यूजीसी : प्रो. सिंह

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हमारी देश की शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी चुनौती है बच्चों को शिक्षा की धारा से जोड़कर इनरोलमेंट रेशो बढ़ाना। फिलहाल हमारे देश का यह रेशो 25.8 है, अन्य विकसित देशों की तुलना में यह काफी कम है, हम इसे बढ़ाना चाहते हैं। हमारी दूसरी बड़ी चुनौती शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. डी. पी. सिंह  नागपुर में बोल रहे थे। वे कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक के इंंटरनेशनल सेंटर फॉर इंडोलॉजिक स्टडीज, वारंगा द्वारा "क्वालिटी इन हायर एजुकेशन : रिफ्लेक्शन एंड एक्शन्स' विषय पर बोल रहे थे। कार्यक्रम की प्रस्तावना संस्कृत यूनिवर्सिटी के कुलगुरु प्रो. श्रीनिवास वरखेडी ने रखी।

प्रो. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि यूजीसी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कुछ मुख्य पहलुओं पर काम कर रही है। इसमें शिक्षा की सुगमता, गुणवत्तापूर्व शोध, उत्कृष्टता, कौशल और रोजगारउन्मुखता जैसे पहलू शामिल है। इसके अलावा वे विद्यार्थियों के लिए एक विशेष इंडक्शन प्रोग्राम भी शुरू करने जा रहे हैं। जिसके तहत नए विद्यार्थियों को कॉलेज कैंपस में सहज महसूस करने और सीनियर विद्यार्थियों के साथ घुलने मिलने के उपक्रम शुरू किए जाएंगे। यही नहीं शिक्षकों के लिए भी विशेष उपक्रम शुरू किए जाएंगे। उनकी परीक्षा लेकर उन्हें भी प्रमोशन के मौके दिए जाएंगे। यूजसी मुख्य रूप से परीक्षा मूल्यांकन का तौर तरीका बदलना चाहती है।

यूजीसी मानती है कि केवल तीन घंटे की परीक्षा से किसी विद्यार्थी की प्रतिभा का आकलन नहीं किया जा सकता। ऐसे में हमें एक विकसित परीक्षा प्रणाली विकासित करने की जरूरत है। कार्यक्रम में संस्कृत विवि पूर्व कुलगुरु डॉ. पंकज चांदे, अमरावती विवि कुलगुरु डॉ. मुरलीधर चांदेकर, नागपुर यूनिवर्सिटी प्रकुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले, वीएनआईटी अध्यक्ष प्रो. प्रमोद पडोले व अन्य शिक्षाविद उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन संस्कृत यूनिवर्सिटी के प्रभारी कुलसचिव डॉ. रामचंद्र जोशी ने किया।

सदाबहार नगमों ने मन मोहा  

उत्कर्ष हॉल सीताबर्डी में ‘ये वादा रहा’ संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें गायकों ने एक से बढ़ कर एक गीतों से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। गायन के बीच-बीच में तालियों की गड़गड़ाहट से गायकों का उत्साह वर्धन किया जाता रहा। आयोजन  साउंड ऑफ म्यूजिक द्वारा किया गया। कार्यक्रम की संकल्पना बाबूभाई पटेल की रही। गायकों में सीमा लुहा, पीयूष शिंदे, आकाश पटेल, उमेश पटेल, संगीता कमनवार, संजय पिल्ले, भाग्यश्री कुलकर्णी, पिंकी क्षत्रिय, कीर्ति पटेल, मास्टर तनमय पिल्ले ने प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर गेस्ट सिंगर के रूप में परोमिता दास को आमंत्रित किया गया। संचालन ओमप्रकाश साहू ने किया।
 

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