मासूम ने पेश की इंसानियत की मिसाल, 16 साल के प्रणव ने जाते जाते दी 5 लोगों को नई जिंदगी

मासूम ने पेश की इंसानियत की मिसाल, 16 साल के प्रणव ने जाते जाते दी 5 लोगों को नई जिंदगी

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-16 11:05 GMT
मासूम ने पेश की इंसानियत की मिसाल, 16 साल के प्रणव ने जाते जाते दी 5 लोगों को नई जिंदगी

डिजिटल डेस्क, अमरावती। एक दुर्घटना में गंभीर जख्मी युवक की ब्रेनडेड होने की जानकारी मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन ऐसी परिस्थिति में खुद को संभालते हुए आर्गन डोनेट का निर्णय लेते हुए बच्चे के अस्तित्व को कायम रखने का निर्णय लिया गया। उनके इस निर्णय से तीन मरीजों को जीवनदान मिला वहीं दो को दृष्टि मिली। विशेष यह कि यह निर्णय अमरावती के किसान परिवार ने लिया है। इसके लिए अमरावती से नागपुर तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया। यह पांचवां मौका है जब अमरावती और नागपुर के बीच ग्रीन कॉरिडोर बना।

अमरावती जिले के मोर्शी तहसील में दापोरी स्थित निवासी प्रणव सुनील अंधारे (16) की ब्रेनडेड होने की खबर है। पेशे से किसान सुनील अंधारे के पुत्र प्रणव को दसवीं में 70 प्रतिशत अंक मिले थे। भविष्य के सपने संजो रहे प्रणव को समय ने मात दे दी। वह काम से दो-पहिया वाहन से डोंगरयावली में अपने मित्र अतुल चौधरी के साथ गया था। वहां से वापस लौटते समय उसका दो-पहिया से नियंत्रण छूट गया और पेड़ को जोरदार टक्कर मारी। उसके सिर पर गंभीर चोटें आईं। मोर्शी के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती किया गया। प्रणव की हालत नाजुक थी, उसे अमरावती के एक निजी अस्पताल में दाखिल किया गया। डॉक्टरों ने प्रणव की जान बचाने की भरसक कोशिशें कीं, लेकिन उसका ब्रेन डेड हो चुका था। इस खबर से अंधारे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। 



इस अवसर पर डॉक्टरों ने उन्हें अवयव दान का सुझाव दिया। प्रणव के पिता व परिवार ने सहमति जताई। इस अनुसार जोनल ट्रान्सप्लांट को-ऑर्डिनेशन सेंट (ZTCC) के अध्यक्ष डॉ. विभावरी दाणी, सचिव डॉ. रवि वानखेड़े को जानकारी दी गई। उनके मार्गदर्शन में डॉ. सुधीर टॉमी व नागपुर जोन कॉर्डिनेटर वीना वाठोरे ने तत्काल आगे की प्रक्रिया की। शुक्रवार को दोपहर अवयव निकालने की शल्यक्रिया की शुरुआत की।

शुक्रवार को प्रणव की दो किडनी नागपुर के ऑरेंज सिटी हॉस्पिटल और वोक्हार्ट हॉस्पिटल में भेजी गई और लीवर नागपुर के ही न्यू ऐरा हॉस्पिटल को दिया गया।  प्रणव की दोनों आंखें हरिना नेत्रदान समिति को दी गईं। लकड़गंज स्थित न्यू ऐरा हॉस्पिटल में लीवर पहुंचते ही एक व्यक्ति के लीवर ट्रान्सप्लांट की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई। इस हॉस्पिटल में यह चौथा लीवर ट्रान्सप्लांट है। 
 

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