क्लेम पूरा न देना पड़े इसके लिए कई खामियाँ निकाल रही बीमा कंपनी

क्लेम पूरा न देना पड़े इसके लिए कई खामियाँ निकाल रही बीमा कंपनी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-19 17:34 GMT
क्लेम पूरा न देना पड़े इसके लिए कई खामियाँ निकाल रही बीमा कंपनी



डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना संक्रमण हो या फिर अन्य बीमारी से संबंधित पॉलिसी धारकों का अस्पताल में कैशलेस नहीं हो रहा। इलाज कराने के बाद पीडि़त द्वारा ठीक होने पर अपने इलाज के बिल कंपनी में सबमिट किए गए तो अनेक प्रकार की खामियाँ उनमें निकाल ली गईं। खामियाँ निकालने के बाद पॉलिसी धारकों के घर के साथ ही बीमा कंपनी के प्रतिनिधि पहुँचे और अनेक सवाल किए। सवालों का जवाब मिलने के बाद बीमा के सर्वेयर ने जल्द भुगतान का वादा किया। भुगतान जब बीमित के अकाउंट में आया तो बिलों में कटौती कर दी गई। दोबारा पॉलिसी धारक ने जब बिल सबमिट किए तो बीमा कंपनी ने किसी तरह का उत्तर नहीं दिया। पॉलिसी धारक बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर के साथ ही अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं पर किसी तरह का जवाब नहीं दिया जा रहा है। पीडि़तों का कहना है कि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी जानबूझकर हमारे बिलों में कटौती कर रही है।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ (मोनो लगाएँ टेलीफोन का)-
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
केस.1
67 हजार की कटौती कर दी हमारे बीमा क्लेम के बिल में
गोरखपुर निवासी निर्मल चौपड़ा ने अपनी शिकायत में बताया कि बुखार आने के कारण उन्होंने परीक्षण कराया था। जाँच रिपोर्ट में कोरोना से संक्रमित होने की रिपोर्ट आई। रिपोर्ट पर चिकित्सक की सलाह पर मेट्रो अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। मेट्रो अस्पताल में ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया तो वहाँ पर कैशलेस नहीं हुआ। आठ दिनों तक चले इलाज के दौरान उन्हें 1 लाख 87 हजार का भुगतान करना पड़ा था। अस्पताल व दवाइयों के सारे बिल उन्होंने ऑनलाइन बीमा कंपनी में सबमिट किए थे। बीमा कंपनी द्वारा बिलों में क्वेरी निकाली गई। इसके बाद ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी में सारे दस्तावेज दोबारा प्रस्तुत किए गए। प्रस्तुत करने के बाद सर्वेयर उनके घर आया और बयान दर्ज कर जल्द भुगतान करने का वादा किया। लंबे समय तक बीमा कंपनी ने बिलों को लंबित रखा। कुछ दिन बाद बीमा कंपनी ने बिल का भुगतान 1 लाख 20 हजार रुपए ही रिलीज किया। शेष राशि भुगतान की जानकारी माँगी गई तो बीमा कंपनी किसी तरह का जवाब नहीं दे रही है। पीडि़त का कहना है कि बीमा कंपनी हमारे साथ जालसाजी कर रही है।
केस.2
बिल की कटौती करने का जवाब नहीं दे रही बीमा कंपनी-
कोरोना से पीडि़त संदीप कुमार निवासी पुष्पकुंज कॉलोनी ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर वे मेट्रो अस्पताल में भर्ती हो गए थे। अस्पताल में ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया। कार्ड के आधार पर इलाज शुरू हो गया था पर बीमा कंपनी ने कैशलेस करने से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने कैश डिपॉजिट करने को कहा तो उन्होंने सारे बिलों का भुगतान अपने पास से करना शुरू कर दिया। इस तरह अस्पताल में 2 लाख का बिल बना। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद उन्होंने बीमा कंपनी में सारे बिल ऑनलाइन व ऑफलाइन सबमिट किए थे। सारे बिलों को सबमिट करने के बाद बीमा कंपनी में मेल भी किया गया। उसके बाद बीमा कंपनी से किसी तरह का जवाब नहीं आया। टोल फ्री नंबर के साथ स्थानीय मैनेजर से संपर्क किया तो उन्होंने जल्द बिल सेटल करने का आश्वासन दिया। महीनों बाद बीमा कंपनी ने 2 लाख के बिल की एवज में 1 लाख 20 हजार का ही भुगतान किया। उसके बाद वे लगातार बीमा कंपनी से कटौती के बारे में जानकारी चाह रहे हैं पर बीमा कंपनी किसी तरह का जवाब नहीं दे रही है।
पॉलिसी धारक के बारे में नहीं देते जानकारी-
पॉलिसी धारक के बिलों में कटौती क्यों की जा रही है इस संबंध में जब ओरिएंटल बीमा कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों से बात की जाती है तो वे किसी भी तरह का जवाब देने से बचते नजर आते हैं। हमेशा की तरह थर्ड पार्टी के द्वारा क्लेम का भुगतान की बात कर अधिकारी अपने हाथ खड़े कर रहे हैं।

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